उत्तराखंड: हाईकोर्ट का आदेश, राज्य में कोविड की दूसरी लहर में हुई मौतों का ऑडिट करे सरकार
The Wire
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध वेंटिलेटर और आईसीयू उपकरणों का ऑडिट कराया जाए ताकि पता चल सके कि कितने वेंटिलेटर और उपकरण इस्तेमाल नहीं हुए और इसकी क्या वजह है. अदालत ने सरकार से कोविड जांच में कथित अनियमितताओं पर भी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
नई दिल्ली: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वे कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौतों की ऑडिटिंग करें. इसके साथ ही दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में घर-घर जाकर कोविड 19 टीकाकरण करने की संभावनाएं तलाशने का निर्देश दिया गया है. राज्य सरकार के कोविड की स्थिति से निपटने के संबंध में दायर कई याचिकाओं पर बीते बुधवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान तथा जस्टिस आलोक वर्मा की एक खंडपीठ ने पूछा कि क्या पहचान पत्र नहीं होने के कारण टीकाकरण से वंचित हो रहे लोगों के लिए सामाजिक कल्याण विभाग की मदद से एक जिला स्तरीय कार्य बल का गठन किया जा सकता है . अदालत ने कहा कि दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों तक पहुंचने के लिए प्राथमिकता के आधार पर एक प्रणाली के गठन की संभावनाएं तलाशी जाएं. साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को घर-घर जाकर सर्वेंक्षण कराने के लिए आशा कर्मियों, होमगार्डस और नर्सों का एक पैनल बनाने का सुझाव दिया, जिससे ऐसे इलाकों में दूर-दूर रहने वाली जनसंख्या का टीकाकरण हो सके. निजी अस्पतालों द्वारा कोविड मरीजों से इलाज के लिए मनमाना धन वसूले जाने पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने इस संबंध में अधिकतम शुल्क स्पष्ट करते हुए फिर से आदेश जारी करने की जरूरत बताई. अदालत ने कहा कि मरीजों से ज्यादा शुल्क लेने वाले अस्पतालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए .More Related News