उत्तराखंड: कुंभ में कोरोना बेकाबू ! निरंजनी अखाड़े के 22 संत संक्रमित, 24 घंटे में 592 नए मामले
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कुंभ समापन की घोषणा करने वालों में श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े में 22 संत शुक्रवार को कोरोना से संक्रमित मिले हैं. अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी महाराज भी संक्रमण के शिकार हैं. अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज ने भी अपने को आइसोलेट कर लिया है.
देर से एक्शन और कोरोना प्रोटोकॉल में लापरवाही की वजह से कुंभ मेले में कोरोना संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है. अखाड़ों में संक्रमण फैलने की दशा ये है कि एक दिन में यहां 78 पॉजिटिव केस मिले हैं. सिर्फ निरंजनी अखाड़े में हजारों साधुओं के बीच कुछ दर्जन साधुओं ने टेस्ट कराया तो 22 में संक्रमण की पुष्टि हुई. कुंभ समापन की घोषणा करने वालों में श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े में 22 संत शुक्रवार को कोरोना से संक्रमित मिले हैं. अखाड़े के सचिव रविंद्र पुरी महाराज भी संक्रमण के शिकार हैं. अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज ने भी अपने को आइसोलेट कर लिया है. अखाड़ा परिषद के प्रमुख नरेंद्र गिरि महाराज पहले से ही कोरोना से संक्रमित हैं. इसके अलावा 1 दिन में 22 संत कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इस वजह से भी अखाड़े में हड़कंप मच गया है.राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.