ईडी ने एमनेस्टी इंडिया से जुड़े संगठनों के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप-पत्र दाख़िल किया
The Wire
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की ओर से कहा गया कि हम दोहराते हैं कि वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले ईडी का यह आरोप पूरी तरह असत्य है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ‘मनी लॉन्ड्रिंग’ में शामिल था. मानवाधिकार संगठन ने कहा कि दमनकारी क़ानूनों के तहत अपने आलोचकों पर शिकंजा कसना मौजूदा केंद्र सरकार में आम बात हो गई है.
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने सिलसिलेवार ट्वीट में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को ‘पूरी तरह असत्य’ बताते हुए कहा कि ‘दमनकारी कानूनों के तहत अपने आलोचकों पर शिकंजा कसना मौजूदा केंद्र सरकार में आम बात हो गई है.’ The malicious intent of the Enforcement Directorate is evident from the fact that they have yet again issued multiple press releases even before legal notices have reached @AIIndia and @Aakar__Patel. This is a violation of the principles of natural justice. As a member of the @UN_HRC, India is required to uphold the highest standards in the promotion and protection of human rights. On the contrary, putting a squeeze on its critics through trumped-up charges under repressive laws has become routine for this Indian Government.
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एआईआईपीएल), इंडियंस फॉर एमनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट (आईएआईटी) और अन्य के खिलाफ बेंगलुरु की एक अदालत में अभियोजन शिकायत दर्ज कराई गई है. 2/5 5/5
ईडी ने एक बयान में कहा कि अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है और आरोपी को समन जारी किया है. — Amnesty India (@AIIndia) July 9, 2022 — Amnesty India (@AIIndia) July 9, 2022
ईडी ने आरोपियों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. इसके बाद एजेंसी ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए), 2010 के कथित उल्लंघन और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया.