
इतिहास रचने वाले IPO का फ्लॉप शो, 15 साल में आए ये 5 बड़े IPO... माहौल बना, लेकिन पैसा नहीं!
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इतिहास देखें तो पिछले 15 साल के 5 सबसे बड़े आईपीओ ने निवेशकों को तगड़ा झटका दिया है. Hyundai के आईपीओ ने एक बार फिर इतिहास दोहराया है.
खूब चर्चाएं हुईं, देश का सबसे बड़ा आईपीओ है. कंपनी का नाम भी बड़ा है. लेकिन 'जितना बड़ा आईपीओ, उतना बड़ा ही फ्लॉप शो...'. दरअसल, देश के 5 सबसे बड़े IPO को देखें, तो इसने निवेशकों का दम निकाल दिया. 'ऊंची दुकान... फीके पकवान' जैसा इन आईपीओ का हाल रहा. निवेशकों को लिस्टिंग के दिन ही जो झटका लगा, उससे वो वर्षों बाद भी नहीं उभर पाए. ये पिछले एक-दो साल की बात नहीं है. पिछले 15 वर्षों के दरम्यान देश में हजारों IPO आए. लेकिन अगर इनमें से 5 सबसे बड़े IPO का इतिहास देखें तो ये निवेशकों को चूना लगाने वाले साबित हुए हैं. हमारे देश में जब भी कोई बड़ा आईपीओ खुलता है, तो उसकी खूब चर्चाएं होती हैं. लेकिन हकीकत का सामना लिस्टिंग के दिन और उसके बाद, निवेशकों को होता है. इतिहास देखें तो पिछले 15 साल के 5 सबसे बड़े आईपीओ ने निवेशकों को तगड़ा झटका दिया है. Hyundai के आईपीओ ने एक बार फिर इतिहास दोहराया है.
1. Hyundai Motor India IPO दरअसल, देश के सबसे बड़े आईपीओ हुंडई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) के इश्यू की मंगलवार को शेयर मार्केट में लिस्टिंग हुई थी. बड़ा आईपीओ था, तो निवेशकों को उम्मीदें भी बड़ी थीं. लेकिन इसने लिस्टिंग के दिन ही निवेशकों को निराश कर दिया. इससे पहले भी देश के 4 बड़े IPO का कुल मिलाकर ऐसा ही हश्र रहा था.
हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ BSE पर इश्यू प्राइस के मुकाबले 29 रुपये के नुकसान के साथ लिस्ट हुआ. इसका इश्यू प्राइस 1960 रुपये था. BSE पर इसकी लिस्टिंग 1.48% गिरावट के साथ 1931 रुपये पर हुई. इस आईपीओ का इश्यू साइज 27,870 करोड़ रुपये था. आखिरी दिन तक यह IPO कुल 2.37 गुना सब्सक्राइब हो पाया था. जितना बड़ा यह आईपीओ था, उसके मुकाबले इसे वह सब्सक्रिप्शन नहीं मिला. रिटेल का हिस्सा तो केवल 50 फीसदी भरा था.
क्यों फ्लॉप रहा Hyundai का IPO? मार्केट जानकारों के मुताबिक, इस आईपीओ का वैल्यूवेशन काफी महंगा था. इसके अलावा IPO का पूरा पार्ट OFS था, यानी पूरा पैसा प्रमोटर्स के खाते में गया. ऐसे में निवेशकों ने दांव लगाने का जोखिम नहीं लिया.
2. LIC IPO देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कारपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) के आईपीओ की लिस्टिंग 17 मई 2022 को हुई थी. LIC के IPO को करीब तीन गुना सब्सक्रिप्शन मिला था. इसके जरिए सरकार ने इस एलआईसी में अपनी 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची थी, जिससे सरकार को 20,557 करोड़ रुपये मिले थे. इस आईपीओ की भी खूब चर्चा हुई थी. तमाम ब्रोकरेज दमदार लिस्टिंग का अनुमान लगाया था. लेकिन इसका भी फ्लॉप शो रहा था.
दरअसल, इस आईपीओ ने भी लिस्टिंग के दिन ही निवेशकों को निराश किया था. इस IPO को भी सबसे बड़ा कहा जा रहा था. क्योंकि इश्यू साइज 20,557 करोड़ रुपये का था. लेकिन लिस्टिंग फीका रहा था. लिस्टिंग के दिन LIC के शेयर BSE पर 81.80 रुपये डिस्काउंट यानी 8.62% गिरावट के साथ 867.20 रुपये लिस्ट हुए थे. इस आईपीओ का प्राइस बैंड 902-949 रुपये प्रति शेयर रखा गया था. इस IPO में घरेलू निवेशकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. क्योंकि LIC की पहुंच देश के कोने-कोने तक है.

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