इंडिया आने से पहले भिंडरावाले की तरह दिखने के लिए अमृतपाल ने जॉर्जिया में कराई थी सर्जरी
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अमृतपाल सिंह 18 मार्च से फरार है. लेकिन उसके कुछ साथी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं. उन्होंने पूछताछ में बताया है कि अमृतपाल ने भारत आने से पहले भिंडरावाले की तरह दिखने के लिए सर्जरी कराई थी. इसके लिए वह करीब दो महीने तक जॉर्जिया में रहा था.
खालिस्तान समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है. इसी बीच उसे लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है. अमृतपाल ने भारत आने से पहले भिंडरावाले की तरह दिखने के लिए जॉर्जिया में सर्जरी कराई थी. इसका खुलासा किसी और ने नहीं, बल्कि अमृतपाल के साथियों ने किया है, जो कि फिलहाल डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं.
सूत्रों के मुताबिक खालिस्तान समर्थक के साथियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि अमृतपाल करीब 2 महीने तक जॉर्जिया में रहा था. एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने खुलासा किया है कि अमृतपाल ने ये सर्जरी भिंडरावाले की तरह दिखने के उद्देश्य से कराई है.
वारिस पंजाब दे संगठन का मुखिया 18 मार्च से फरार है. उसके चाचा हरजीत सिंह और दलजीत सिंह कलसी समेत उसके 8 करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार कर डिब्रूगढ़ भेजा जा चुका है. हाल ही में खुफिया अधिकारियों की एक टीम उनसे पूछताछ करने वहां गई थी.
पंजाब में पिछले कुछ दिनों से उसे जरनैल सिंह भिंडरावाले-2.0 तक कहा जा रहा है. दरअसल, भिंडरावाले ने 1980 के दशक में सिखों के लिए अलग देश खालिस्तान की मांग उठाई थी और पूरे पंजाब में कोहराम मचा दिया था. ठीक उसी तरह अमृतपाल सिर पर तुलनात्मक रूप से भारी पगड़ी बांधता है और भीड़ को उकसाने वाले बयान देकर माहौल गरम कर देता है.
भिंडरावाले की तरह है अमृतपाल का पहनावा
29 सितंबर 2022 को 'वारिस पंजाब दे' संगठन की पहली वर्षगांठ पर मोगा जिले के रोडे गांव में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसी प्रोग्राम में अमृतपाल को संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था. माना जाता है कि कार्यक्रम स्थल का चयन काफी रणनीतिक था, क्योंकि यह जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है. भिंडरावाले की तरह अमृतपाल भी नीली गोल पगड़ी पहनता है. अपने सफेद कपड़ों में एक छोटी कृपाण रखता है और भड़काऊ भाषण भी देता है, इससे कट्टरपंथी सिख युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रहा है.
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