आंदोलन छोड़ने के मुद्दे पर बोलीं साक्षी मलिक, 'हमारा विरोध जारी रहेगा, जल्द तय करेंगे आगे की रणनीति'
AajTak
पहलवान साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, हमारा विरोध जारी रहेगा, हम अगले कुछ दिनों में तय करेंगे कि आगे की कार्रवाई क्या होगी. हम सभी अपनी नौकरी पर वापस चले गए हैं, क्योंकि रेलवे के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी है.
देश में चल रहे पहलवान आंदोलन के तीन मुख्य चेहरे (बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट) अब अपनी जॉब पर वापस लौट गए हैं. पहलवान साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, हमारा विरोध जारी रहेगा, हम अगले कुछ दिनों में तय करेंगे कि आगे की कार्रवाई क्या होगी. हम सभी अपनी नौकरी पर वापस चले गए हैं, क्योंकि रेलवे के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी है.
साक्षी मलिक का कहना है कि सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं. साक्षी मलिक की यह सफाई उन खबरों के बाद आई है जिनमें कि कहा गया था कि साक्षी मलिक पहलवानों के आंदोलन से पीछे हट गई हैं. हालांकि, साक्षी मलिक ने इन खबरों को गलत बताया. उन्होंने कहा कि इंसाफ की लड़ाई में हम में से कोई न पीछे हटा है और न हटेगा. इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी. इससे पहले साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने भी आंदोलन से पीछे हटने की खबरों को गलत बताया था.
पहलवानों ने अमित शाह से की थी मुलाकात
आपको बताते चलें कि शनिवार को ही पहलवानों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. रेसलर साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने आजतक से बातचीत में बैठक की पुष्टि की थी. वे भी इस बैठक में मौजूद थे. हालांकि, उन्होंने कहा था कि बैठक में पहलवानों ने बृजभूषण को गिरफ्तार करने की मांग उठाई थी. लेकिन ये बैठक बेनतीजा रही. उन्होंने बताया कि हमें गृह मंत्री से जो प्रतिक्रिया चाहिए थी वह नहीं मिली, इसलिए हम बैठक से बाहर आ गए. सत्यव्रत ने कहा कि हम विरोध के लिए आगे की रणनीति बना रहे हैं. हम पीछे नहीं हटेंगे हम आगे की कार्रवाई की योजना बना रहे हैं.
23 अप्रैल से धरने पर बैठे थे पहलवान
गौरतलब है कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया के नेतृत्व में तमाम पहलवानों ने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. ये पहलवान 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरना दे रहे थे. पहलवानों ने बृजभूषण शरण पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. इससे पहले जनवरी में भी पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना दिया था. हालांकि, तब खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवान वापस लौट गए थे. बता दें कि इस बार जह पहलवान ने नई संसद के उद्घाटन के दौरान संसद भवन के सामने ही प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी. पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी और पहलवानों के धरनास्थल को खाली करा लिया गया. इस दौरान पुलिस और पहलवानों के बीच हुई झड़प और हिरासत में लिए जाने की भी तस्वीरें सामने आई थीं.
नीट यूजी 2024 की परीक्षा के रिजल्ट को लेकर विवाद जारी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान परिणामों के आधार पर होने वाली काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. याचिकाकर्ता ने दलील दी कि पूरे मामले में पारदर्शिता नहीं बरती गई. इस पर कोर्ट ने कहा कि हम नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से नोटिस जारी कर जवाब मांगते हैं और मामले की अगली सुनवाई जवाब आने के बाद 8 जुलाई को करेंगे.
नायडू पहली बार 1995 में मुख्यमंत्री बने और उसके बाद दो और कार्यकाल पूरे किए. मुख्यमंत्री के रूप में उनके पहले दो कार्यकाल संयुक्त आंध्र प्रदेश के नेतृत्व में थे, जो 1995 में शुरू हुए और 2004 में समाप्त हुए. तीसरा कार्यकाल राज्य के विभाजन के बाद आया. 2014 में नायडू विभाजित आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के रूप में उभरे और 2019 तक इस पद पर रहे. वे 2019 का चुनाव हार गए और 2024 तक विपक्ष के नेता बने रहे.
जम्मू-कश्मीर के रियासी में हुए आतंकी हमले में 10 लोगों की जान गई. इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. इन पाकिस्तानी आतंकवादियों की पहचान तक हो चुकी है. उनके नाम अब्बू, हमजा और फौजी. इनके चेहरे कैमरे पर कैद हुए हैं. ये वो सबूत हैं, जो चीख-चीखकर कह रहे हैं कि रियासी के हमले में पाकिस्तान का ही हाथ था.