
अस्पताल ने हिंदू परिवार को सौंपा क्रिश्चियन महिला का शव, दफनाने के बजाय हो गया दाह संस्कार, मचा बवाल
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केरल के कोट्टायम में एक क्रिश्चियन महिला को दफनाने की जगह उसका हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार हो गया. दसअरल, अस्पताल ने गलती से महिला का शव हिंदू परिवार को सौंप दिया था.
केरल के एक हॉस्पिटल में शवों की अदला-बदली का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें क्रिश्चियन महिला का हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार हो गया. कोट्टायम जिले में स्थित कांजीरापल्ली के एक निजी अस्पताल में सोसम्मा जॉन (86) की हाल ही में मृत्यु हो गई थी. उनके परिजन गुरुवार को जब शव लेने अस्पताल पहुंचे, तो वे सदमे में आ गए. क्योंकि अस्पताल ने गलती से सोसम्मा जॉन का शव दूसरे परिवार को सौंप दिया था.
जॉन की 6 नवंबर को मृत्यु हो गई थी और उनके अवशेषों को अंतिम संस्कार के लिए उनके सभी रिश्तेदारों के आने की प्रतीक्षा में अस्पताल के मुर्दाघर में रखा गया था. इसी अस्पताल में यहां के चिरक्कदावु गांव की मूल निवासी 80 वर्षीय कमलाक्षीअम्मा के अवशेष भी रखे थे. उनकी भी उसी दिन मृत्यु हो गई थी. गत बुधवार को जब कमलाक्षीअम्मा के 9 बेटों में से एक उनका शव लेने पहुंचा, तो गलती से सोसम्मा जॉन के अवशेष उसे सौंप दिए गए.
अस्पताल ने क्रिश्चियन महिला का शव हिंदू परिवार को सौंपा दिया
बेटे को भी इस बात का एहसास नहीं हुआ कि जो शव वह अस्पताल से उठा कर लाया है, वह उसकी मां का नहीं है. पुलिस ने कहा, 'अंतिम संस्कार करते समय भी उन्हें एहसास नहीं हुआ कि शव किसी दूसरे का है.' गुरुवार सुबह जब गलती का पता चला, तब तक सोसम्मा जॉन के अवशेषों का अंतिम संस्कार कमलाक्षीअम्मा के घरवालों द्वारा कर दिया गया था. इसके बाद, अस्पताल में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई और पुलिस को मामले में दखल देना पड़ा.
क्रिश्चियन महिला के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर जताया रोष
सोसम्मा जॉन के रिश्तेदारों ने इस गड़बड़ी के लिए अस्पताल को दोषी ठहराया और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उन्हें शांत करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे. अस्पताल प्रबंधन ने जॉन के परिवार से माफी मांगी, जिसके बाद उनके रिश्तेदार अस्थियों को दफनाने के लिए राजी हुए. सोसम्मा जॉन की अस्थियां उनके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया और कमलाक्षिअम्मा का शव उनके रिश्तेदारों को. जॉन के रिश्तेदार उनके अवशेषों को दफनाने के लिए ताबूत के साथ सुबह एम्बुलेंस में अस्पताल पहुंचे थे. अंतिम संस्कार सुबह 10 बजे होना था, और तभी गड़बड़ी का पता चला.

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