
अलास्का में साथ उतरेंगी भारत और अमेरिका की सेनाएं, ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद पहला साझा सैन्य अभ्यास
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अलास्का में ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बैठक होने वाली है. वहीं पर इंडियन आर्मी के 400 जवान जा रहे हैं. असल में अमेरिका और भारत की सेनाएं एक बड़े सैन्य अभ्यास की तैयारी में हैं. 'युद्ध अभ्यास 2025' अलास्का में 1 से 14 सितंबर तक होगा. मद्रास रेजिमेंट के नेतृत्व में यह अभ्यास आतंकवाद रोधी और आपदा राहत पर फोकस करेगा.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ टैरिफ (शुल्क) को लेकर बहस में हैं. इस विवाद के बीच ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में बैठक होने वाली है. वही पर भारत और अमेरिका की सेनाएं एक बड़े सैन्य अभ्यास की तैयारी में हैं. इसका नाम है 'युद्ध अभ्यास' (Yudh Abhyas). इस साल इसका 21वां संस्करण 1 सितंबर से 14 सितंबर 2025 तक अलास्का अमेरिका में होगा.
यह अभ्यास दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करेगा. आइए, जानते हैं कि यह अभ्यास क्या है? कैसे होगा? ऑपरेशन सिंदूर के सबक इसमें कैसे काम आएंगे?
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युद्ध अभ्यास क्या है?
'युद्ध अभ्यास' एक सालाना संयुक्त मिलिट्री वॉरगेम है, जो 2004 से शुरू हुआ. यह भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच होता है. हर साल यह भारत या अमेरिका में बारी-बारी से आयोजित होता है. पिछले साल यानी 2024 में इसका 20वां संस्करण राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हुआ था.
इस बार यह अलास्का में होगा, जहां ठंडे और ऊंचे पहाड़ी इलाकों में अभ्यास होगा. इसका मकसद दोनों देशों की सेनाओं को एक साथ मिलकर आतंकवाद रोधी (counter-terrorism) ऑपरेशन करने की ट्रेनिंग देना है.

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