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अमेरिकी दबाव के आगे झुका पाकिस्तान! ईरान के साथ इस समझौते पर लगाई रोक
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ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट की शुरूआत मार्च 2013 में हुई थी. शुरुआत में भारत भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा था लेकिन जल्द ही वो इससे निकल गया. पाकिस्तान ने भी अब अमेरिका के दबाव में आकर खुद को प्रोजेक्ट से अस्थायी रूप से अलग कर लिया है.
विदेशों से सस्ती ऊर्जा आयात करने की पाकिस्तान की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है. अमेरिका के दबाव में आकर उसे अपने पड़ोसी देश ईरान के साथ अरबों डॉलर की गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट से निकलना पड़ा है. अमेरिका ने ईरान पर उसके परमाणु प्रोग्राम को देखते हुए कई प्रतिबंध लगाए हैं और इन्हीं प्रतिबंधों को मानने के लिए पाकिस्तान पर अमेरिका का दबाव है जिसे देखते हुए उसने ईरान पाकिस्तान गैस पाइलपाइन (IP) को अस्थायी तौर पर रोक दिया है.
पाकिस्तान ने गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट से निकलने की घोषणा ऐसे वक्त में की है जब वो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मदद से विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रही तंगहाल अर्थव्यवस्था को डिफॉल्ट से बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है. आईएमएफ पाकिस्तान को बेलआउट पैकेज के रूप में फिलहाल 3 अरब डॉलर देने पर सहमत हुआ है.
पाकिस्तान के अखबार डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने समझौते से अस्थायी रूप से निकलने की घोषणा करते हुए ईरान को एक नोटिस जारी किया है जिसमें उसकी तरफ से कहा गया कि वो अपने नियंत्रण से बाहर, बाहरी कारकों की वजह से अरबों डॉलर के गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट से बाहर निकल रहा है.
पाकिस्तान ने इस प्रोजेक्ट से तब तक बाहर रहने का फैसला किया है जब तक ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू रहेंगे. पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि अगर अमेरिका उसे प्रतिबंधों के बावजूद भी प्रोजेक्ट में शामिल होने के लिए हरी झंडी दे देता है तो वो प्रोजेक्ट में शामिल हो जाएगा.
गंभीर ऊर्जा संकट से जूझते पाकिस्तान ने ईरान से यह समझौता लगभग एक दशक पहले किया था लेकिन अब तक यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में पड़ा है. शुरुआत में इस प्रोजेक्ट में ईरान पाकिस्तान के साथ भारत भी शामिल था लेकिन बाद में जाकर भारत इससे अलग हो गया था और यह ईरान-पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय परियोजना बन रह गई थी.
प्रोजेक्ट पर रोक को लेकर क्या बोले पाकिस्तान के मंत्री?