
अमेरिका: ट्रंप को झटका, बाइडेन की बड़ी जीत, सीनेट पर कब्जा करने में डेमोक्रेट्स कामयाब
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अमेरिका के मिड टर्म इलेक्शन में अब बाजी पलटती दिख रही है. चुनाव के बाद मतगणना के शुरुआती रुझानों से अनुमान लगाया जा रहा था कि डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी बड़े मार्जिन के साथ आराम से जीत दर्ज कर लेगी. लेकिन सबको आश्चर्यचकित करते हुए जो बाइडेन की पार्टी डोमेक्रोट्स ने चुनाव जीतते हुए सीनेट पर कब्जा जमाने में कामयाबी हासिल कर ली है.
अमेरिका के मिड टर्म इलेक्शन में अब बाजी पलटती दिख रही है. चुनाव के बाद मतगणना के शुरुआती रुझानों से अनुमान लगाया जा रहा था कि डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी बड़े मार्जिन के साथ आराम से जीत दर्ज कर लेगी. लेकिन सबको आश्चर्यचकित करते हुए जो बाइडेन की पार्टी डोमेक्रोट्स ने चुनाव जीतते हुए सीनेट पर कब्जा जमाने में कामयाबी हासिल कर ली है.
पश्चिमी अमेरिका के नेवादा (Nevada) शहर से जो बाइडेन की पार्टी की उम्मीदवार कैथरीन कोर्ट्ज मस्टो (Catherine Cortez Masto) ने जीत दर्ज कर ली है. मस्टो ने ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार एडम लैक्साल्ट (Adam Laxalt) को कड़े मुकाबले में पटखनी दे दी है. अब लैक्साल्ट मिड टर्म चुनाव में हारने वाले उन प्रत्याशियों में शामिल हो गए हैं, जिन्हें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का खुला समर्थन था. अमेरिका में मिड टर्म इलेक्शन यानी मध्यावधि चुनाव के लिए 8 नवंबर को वोट डाले गए थे.
नेवादा से कैथरीन कोर्ट्ज मस्टो की जीत के बाद अब सीनेट में डेमोक्रेट्स की तादाद कम से कम 50 हो जाएगी. वर्तमान में सीनेट में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के 50-50 सीनेटर हैं. अगर डेमोक्रेटिक सीनेटर राफेल वार्नोक (Raphael Warnock) 6 दिसंबर को जॉर्जिया के चुनाव (runoff election) में रिपब्लिकन हर्शल वॉकर (Herschel Walker) को हराने में कामयाब हो जाते हैं तो डेमोक्रेट्स का बहुमत 51-49 हो जाएगा. इसके बाद नवनिर्वाचित सीनेट को 3 जनवरी को शपथ दिलाई जाएगी.
बता दें कि दुनियाभर में जारी उथल-पुथल के बीच अमेरिका कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है. लेकिन इस बार चुनाव में महंगाई और गर्भपात सबसे बड़ा मुद्दा रहा. एडिसन रिसर्च के एग्जिट पॉल के मुताबिक, इसके बाद अपराध, इमिग्रेशन और गन पॉलिसी भी अहम मुद्दे रहे. अमेरिका बीते 40 साल में सबसे अधिक महंगाई की मार से जूझ रहा है.
अमेरिकी मिडटर्म चुनाव को अमेरिकी संसद के निचले और ऊपरी सदन में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के वर्चस्व की लड़ाई माना जाता है. इसके जरिए दोनों सदनों के सदस्यों को चुना जाता है. इसके साथ ही राज्यों में गवर्नरों का चुनाव होता है. ये चुनाव राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए नाक का सवाल बने हुए थे. इसे पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के राजनीतिक भविष्य के लिए भी अहम माना जा रहा था.
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