
'अफगान नागरिकों पर हमला एक्ट ऑफ वॉर...', UN में भारत ने पाकिस्तान की खोली पोल
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भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हमलों की कड़ी निंदा की है. भारत ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बताया है. पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच नाजुक शांति बनी हुई थी लेकिन अब दोनों फिर से सीमा पर लड़ रहे हैं.
भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सेशन में अफगानिस्तान में पाकिस्तान के हमलों की कड़ी निंदा की. अफगानिस्तान में हुए पाकिस्तान के हमलों में महिलाओं, बच्चों और यहां तक कि स्थानीय क्रिकेट खिलाड़ियों की मौत हुई है. भारत ने इन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए ख़तरा बताया.
इस हफ्ते की शुरुआत में तालिबान और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच ताजा झड़पें हुईं. दोनों देशों ने दो महीने पहले सीमा पर हफ्तों से चल रही लड़ाई रोकने के लिए संघर्षविराम पर सहमति जताई थी. लेकिन अब दोनों पक्ष एक बार फिर एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं. दोनों ही देशों ने एक-दूसरे पर इस नाजुक संघर्षविराम को तोड़ने का आरोप लगाया है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनि हरीश ने कहा कि पाकिस्तान की 'व्यापार और परिवहन आतंकवाद' की नीति पर भारत गहरी चिंता व्यक्त करता है. अफगानिस्तान चारों तरफ से जमीन से घिरा है और ऐसे में पाकिस्तान बार-बार उससे लगी सीमा बंद कर देता है जिससे उसके व्यापार को भारी नुकसान होता है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, 'हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का पूर्ण सम्मान करने की अपील का समर्थन करते हैं, खासकर निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा पर जोर देते हैं. चारों तरफ से घिरे एक देश के लिए रास्ते को सनक में बंद कर देना, जिसके लोग वर्षों से गंभीर चुनौतियों से जूझ रहे हैं, WTO स्टैंडर्ड्स का उल्लंघन है. ऐसे खुले धमकी भरे कदम और युद्ध की कार्रवाई, जो एक नाजुक और कमजोर देश के खिलाफ हों, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन हैं.'
उन्होंने आगे कहा, 'हम ऐसे कृत्यों की निंदा करते हैं और साथ ही अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और स्वतंत्रता का दृढ़ समर्थन करते हैं.'
पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच सीमा पर संघर्ष तब शुरू हुआ जब इसी साल अक्टूबर की शुरुआत में पाकिस्तान ने काबुल पर हवाई हमला किया. अफगानिस्तान ने भी जवाबी हमला किया लेकिन लड़ाई उस समय तेज हो गई, जब अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत की यात्रा पर थे. यह झड़पें 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद सबसे गंभीर थीं.

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