'अनिल विज नाराज जल्दी होते हैं लेकिन...' नायब सैनी के CM बनने के बाद खट्टर का पहला बयान
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हरियाणा में नायब सैनी की ताजपोशी के बाद मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में मीडिया से बात करते हुए बीजेपी और जेजेपी के गठबंधन टूटने की वजह का खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि जेजेपी ज्यादा सीटों की मांग कर रही थी, जबकि बीजेपी ने सभी फिर से 10 सीटों पर जीत का लक्ष्य बना रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि अनिल विज का स्वभाव है कि वो जल्दी परेशान हो जाते हैं.
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में बड़ा उलटफेर करते हुए मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया है. तो दूसरी ओर राज्य के पूर्व गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनिल विज पर्यवेक्षकों के साथ हुई बैठक के बाद नाराज दिखाई दिए और नायब सैनी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में नहीं पहुंचे.
अब अनिल विज की नाराजगी के बारे में बताते हुए मनोहर लाल ने कहा कि मैं उन्हें लंबे वक्त से जानता हूं, वो कई चीजों से बहुत जल्दी परेशान हो जाते हैं. पर बाद में चीजों को भूल भी जाते हैं. साथ ही उन्हें बीजेपी-जेजेपी गठबंधन टूटने के पीछे की वजह पर बात की है.
नायब मेरे पुराने साथी: मनोहर लाल
हरियाणा में नायब सैनी की ताजपोशी के बाद मनोहर लाल ने प्रेस वार्ता में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जेजेपी ज्यादा सीटों की मांग कर रही थी, जबकि बीजेपी ने सभी 10 सीटों पर जीत का लक्ष्य बना रही है. पार्टी परंपरा के मुताबिक भाजपा नए चेहरों का आगे लाती है. नायब मेरे पुराने साथी हैं.
क्या इस वजह से टूटा BJP-JJP गठबंधन
हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में जेजेपी और बीजेपी गठबंधन टूटने की पीछे की वजह के बारे में बताते हुए कहा कि बीजेपी ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अकेले जीत हासिल की थी. और जेजेपी नेताओं ने लोकसभा सीटों को लेकर मांग की थी... इसको लेकर उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से बात की होगी... जिसके बाद केंद्रीय नेतृत्व ने जो निर्णय किया होगा. उसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है. आधिकारिक तौर पर भी हमारे सामने कुछ नहीं आया है, लेकिन उन्होंने (जेजेपी) फैसला कर लिया कि वे अलग से लोकसभा सीटें पर चुनाव लड़ेंगे और इसके बाद आगे के सभी निर्णय हुए हैं.
एग्जिट पोल का अनुमान बताता है कि बीजेपी और महायुति को जितनी सीटों पर जीतने की उम्मीद थी, वो पूरी होती नहीं दिख रही है. एग्जिट पोल में महाराष्ट्र की 48 सीटों में से बीजेपी को 20-22, कांग्रेस को 3-4, शिवसेना (ठाकरे गुट) को 9-11, शिवसेना (शिंदे गुट) को 8-10, एनसीपी (शरद पवार) को 4-5 और एनसीपी (अजित पवार) को 1-2 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है.
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