
अग्निपथ स्कीम क्या पेंशन बोझ घटाने के लिए आई है? जानें एक सैनिक के लिए कितनी जरूरी है पेंशन
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सेना में चार साल की भर्ती के लिए लाई गई केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध जारी है. विरोध करने वालों का कहना है चार साल बाद सेना में भी नहीं रहेंगे और पेंशन भी नहीं मिलेगी. लेकिन सेना में पेंशन के खर्च को लेकर क्यों उठते रहते हैं सवाल? और सरकार कितनी रकम पेंशन पर खर्च करती है? जानें...
दो साल पहले नवंबर 2020 में रक्षा मामलों के विभाग ने रक्षा मंत्रालय को एक सुझाव दिया था. ये विभाग रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है. सुझाव था कि रक्षा मंत्रालय पेंशन पर अपना खर्च कैसे कम कर सकता है? जब ये सुझाव दिया गया था, तब दिवंगत जनरल बिपिन रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बने 11 महीने ही हुए थे. उन्होंने सेना के आधुनिकीकरण पर जोर दिया था और उनकी इस पहल को भी इसी कोशिश के तौर पर देखा गया था.
उस समय रक्षा मामलों के विभाग ने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के साथ-साथ ये सुझाव भी दिया था कि जो जितने समय तक सेना में सेवा दे, उसे उतनी पेंशन दी जाए. सुझाव था कि कर्नल की रिटायरमेंट की उम्र 54 से बढ़ाकर 57 साल कर दी जाए. साथ ही ब्रिगेडियर की रिटायरमेंट उम्र 56 से 58 साल और मेजर जनरल की उम्र 58 से 59 कर दी जाए. यही सुझाव नौसेना और वायुसेना के लिए भी था.
इसी तरह, ये भी सुझाया गया था कि जो सेना में 26 से 30 साल के लिए सेवा दे, उसे 60% पेंशन मिले. वहीं, 31 से 35 साल सेवा देने वाले को 75% और 35 साल से ज्यादा समय तक सेवा देने पर 100% पेंशन दी जाए. हालांकि, ये सुझाव माने नहीं गए.
रक्षा मामलों के विभाग के ये सुझाव सार्वजनिक नहीं हुए थे, बल्कि सोशल मीडिया पर लीक हो गए थे. इसके बाद कुछ पूर्व सैनिकों और रक्षा विशेषज्ञों ने इस कदम की सराहना की थी, तो कइयों ने इसे बेतुका कदम बताया था.
इस सुझाव के दो साल बाद केंद्र सरकार 'अग्निपथ योजना' लेकर आई है. इस योजना के तहत चार साल के लिए युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. इन्हें 'अग्निवीर' कहा जाएगा. चार साल बाद 75 फीसदी अग्निवीरों को सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा, जबकि बाकी के 25 फीसदी अग्निवीरों को सेना में बरकरार रखा जाएगा. जो 75 फीसदी अग्निवीर चार साल बाद सेवा मुक्त होंगे, उन्हें न तो पेंशन मिलेगी और न ही ग्रेच्युटी. अग्निपथ योजना के विरोध का एक कारण ये भी है. युवाओं का कहना है कि चार साल बाद वो बेघर हो जाएंगे और उन्हें पेंशन भी नहीं मिलेगी. हालांकि, सरकार का कहना है कि इन अग्निवीरों को करीब 11 लाख रुपये से ज्यादा का सेवा निधि पैकेज दिया जाएगा.
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