अगर प्राण प्रतिष्ठा में अयोध्या जाएंगे कांग्रेस नेता तो क्या आहत होंगी मुसलमानों की भावनाएं? मुस्लिम संगठन ने दिया जवाब
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केरल के मुसलमानों के बीच समर्थन रखने वाले सुन्नी विद्वानों के संगठन 'समस्त केरल जेम-इयातुल उलेमा' ने शनिवार कहा कि अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में चाहे कोई भी दल शामिल हो, मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचेगी.
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम में मुख्य यजमान हैं. इसके लिए सोनिया गांधी, ममता बनर्जी समेत विपक्ष के नेताओं को भी न्योता भेजा गया है. हालांकि अबतक इन नेताओं ने स्पष्ट नहीं किया है कि वो इस समारोह में शामिल होंगे या नहीं. विपक्षी नेताओं के इस कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर मुस्लिमों के सुन्नी संगठन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
केरल के मुसलमानों के बीच समर्थन रखने वाले सुन्नी विद्वानों के संगठन 'समस्त केरल जेम-इयातुल उलेमा' ने शनिवार कहा कि अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में चाहे कोई भी दल शामिल हो, मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचेगी.
इस संगठन की ओर से ये प्रतिक्रिया तब आई है, जब उसे मुखपत्र के एक संपादकीय पर जमकर हंगामा हुआ था. इसमें 22 जनवरी को होने वाले समारोह में शामिल होने के लिए फैसला नहीं लेने की वजह से कांग्रेस पार्टी की आलोचना की गई थी.
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संगठन के चीफ जिफरी मुथुकोया थंगल ने कहा, समस्त का रुख उसके जिम्मेदार पदाधिकारियों द्वारा व्यक्त किया जाएगा, न कि अखबार द्वारा. बता दें कि केरल में आम बोलचाल में इस संगठन को समस्त के नाम से ही जाना जाता है.
कोझिकोड में मीडिया से बात करते हुए थंगल ने कहा, "हर राजनीतिक दल अपनी नीतियों के अनुसार न्योता स्वीकार अथवा अस्वीकार कर सकता है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इसमें कौन शामिल होता है. भले ही वह कांग्रेस ही क्यों न हो. समुदाय की भावनाओं से कोई समस्या नहीं है. हम समुदाय की भावनाओं का ख्याल रखेंगे."
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