अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 20% तक बढ़े पर देश में हालात स्थिर, क्या 7 मार्च के बाद महंगाई जलाएगी जेब?
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देश में भले ही चुनावों का शोर हो, लेकिन दुनिया में भारी उथल पुथल है. रूस और यूक्रेन में कभी भी जंग शुरू होने के दावे हो रहे हैं. दुनियाभर में महंगाई है. तेल के दाम भी 7 साल के अपने रिकॉर्ड स्तर पर हैं. लेकिन भारत में तेल के दाम स्थिर हैं. बिल्कुल अंगद के पैर की तरह. देश के बाहर और भीतर हालात कैसे भी हों, पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ रहे हैं.
5 राज्यों के चुनावों में किसके सिर पर जीत का सेहरा बंधेगा. इसकी भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता. लेकिन पब्लिक को डर है कि जैसे ही 7 मार्च को वोटिंग का दौर खत्म होगा, तेल की महंगाई उनकी जेब जलानी शुरू कर देगी. ऐसे में सवाल ये है कि लोग 7 मार्च के बाद तेल के दाम में इजाफा होने की बात किस आधार पर कह रहे हैं. इसके लिए पूरी कहानी को समझना होगा.
राजकोट के टीआरपी गेमजोन में लगी आग से 28 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. मृतकों के शव इतनी बुरी तरह से जल गए थे कि उनकी पहचान तक मुश्किल थी. ऐसे में गेमजोन के एक मालिक की जलकर मौत होने का दावा किया गया था. इसके लिए मिले अवशेषों के डीएनए सैंपल का मिलान गेम जोन के मालिकों की मां से किया गया. इसमें से एक सैंपल मैच हुआ है. इससे यह पुष्टि की गई कि मालिक प्रकाश हिरन की भी जलकर मौत हो गई थी.
हिट एंड रन की ये घटना 19 मई की है. पुणे के कल्याणी नगर इलाके में रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के 17 साल आठ महीने के बेटे ने अपनी स्पोर्ट्स कार पोर्श से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गई थी. इस घटना के 14 घंटे बाद नाबालिग आरोपी को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी. हालांकि बाद में आरोपी को फिर से कस्टडी में लेकर जुवेनाइल सेंटर भेज दिया गया.
एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना आइजोल शहर के दक्षिणी बाहरी इलाके में मेल्थम और ह्लिमेन के बीच के इलाके में सुबह करीब छह बजे हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भूस्खलन के प्रभाव के कारण कई घर और श्रमिक शिविर ढह गए, जिसके मलबे के नीचे कम से कम 21 लोग दब गए. अब तक 13 शव बरामद किए जा चुके हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं.