
Wrestlers' Protest: आरोप, प्रोटेस्ट और जांच... रेसलर्स के पूरे विवाद को 10 सवाल-जवाब में समझिए, किसका क्या पक्ष?
AajTak
तीन महीने बाद एक बार फिर पहलवान धरने पर बैठ गए हैं. इससे पहले 18 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवानों ने प्रदर्शन शुरू किया था. तब पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि, खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था.
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष तीन महीने में दूसरी बार पहलवानों के निशाने पर आ गए हैं. देश को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेडल दिला चुके पहलवानों ने पिछले चार दिन से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. पहलवान जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. इसमें विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक समेत करीब एक दर्जन रेसलर शामिल हैं.
पहलवानों की ओर से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले में FIR दर्ज करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया गया है. इस याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है. इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होगी. उधर, पहलवानों के आरोपों से जुड़े सवाल पर बृजभूषण शरण सिंह चुप्पी साध गए. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने पहलवानों के धरने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कई खाप पंचायतों ने भी जंतर-मंतर पर पहुंचकर पहलवानों को समर्थन दिया. आइए 10 सवाल जवाब में जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है?
1- आश्वासन के बाद खत्म हुआ था धरना
इस पूरे मामले को समझने के लिए हमें तीन महीने पहले यानी जनवरी का रुख करना पड़ेगा. 18 जनवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर से ऐसी तस्वीर सामने आई थी, जिसने सभी को चौंका दिया था. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बडे़ बड़े पहलवानों को पटखनी देने वाले करीब 30 रेसलर धरना देने के लिए जुटे थे. इन पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न, अभद्रता, क्षेत्रवाद जैसे गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि, खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था. तब खेल मंत्रालय ने पहलवानों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. अब तीन महीने बाद पहलवान फिर धरना दे रहे हैं. पहलवानों ने अब कमेटी पर ही सवाल खड़े किए हैं.
1- कौन कौन पहलवान दे रहे धरना?
धरना करने वाले पहलवानों में ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और सुमित मलिक जैसे बड़े नाम शामिल हैं.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







