Welcome Buddy... चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने किया Chandrayaan-3 के लैंडर का स्वागत, चांद पर जोड़ा गया संपर्क
AajTak
ISRO ने एक और खुशखबरी सुनाई है. चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने Chandrayaan-3 के विक्रम लैंडर से संपर्क साध लिया है. 2019 में भेजे गए ऑर्बिटर ने चंद्रयान-3 के लैंडर के स्वागत में कहा - Welcome Buddy. इसरो ने कहा है कि अब मिशन कंट्रोल सेंटर कई तरह से विक्रम लैंडर पर नजर रख पाएगा. जानते हैं इस टू-वे कम्यूनकेशन के मायने...
चंद्रमा धरती से 3.84 लाख किलोमीटर दूर है. इतनी दूर से संपर्क साधना आसान काम नहीं है. वह भी दो तरफा. यानी टू-वे कम्यूनिकेशन. Chandrayaan-3 चांद की सतह से मात्र 24 किलोमीटर की ऊंचाई पर है. दो दिन बाद उसे चांद की सतह पर उतरना भी है. ऐसे में उसके लैंडर-रोवर से संपर्क बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है.
चंद्रयान-3 के लैंडर से संपर्क स्थापित करने के लिए इसरो ने दो माध्यमों का सहारा लिया है. पहला तो ये है कि Chandrayaan-3 में इस बार ऑर्बिटर नहीं भेजा गया. उसकी जगह प्रोपल्शन मॉड्यूल (Propulsion Module) भेजा गया है. जिसका मकसद सिर्फ चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल (Lander Module) को चांद के नजदीक पहुंचाना था. इसके अलावा लैंडर और बेंगलुरु स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क (IDSN) के बीच संपर्क स्थापित करना था.
इमरजेंसी के लिए ISRO ने अलग तैयारी की थी. ये एकतरह के बैकअप प्लान है. जिसमें Chandrayaan-2 के ऑर्बिटर से चंद्रयान-3 के लैंडर को जोड़ना था. ताकि किसी तरह की दिक्कत आने पर चांद के चारों तरफ चक्कर लगा रहे पुराने ऑर्बिटर के जरिए संपर्क स्थापित किया जा सके. अब इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क सेंटर और टेलिमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क दो तरह से विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित कर पाएगा.
मिशन चंद्रयान-3 से जुड़ी स्पेशल कवरेज देखने के लिए यहां क्लिक करें
कैसे होगा चांद पर मौजूद लैंडर से धरती का संपर्क?
प्रोपल्शन मॉड्यूल में S-बैंड ट्रांसपोंडर लगा है, जिसके IDSN से सीधे संपर्क में रहेगा. यानी लैंडर-रोवर से मिला संदेश यह भारत तक पहुंचाएगा. संदेश भेजने की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार होगी.
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना भी मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज हो गई है. पार्टी के चीफ व्हिप श्रीरंग बारणे का कहना है कि उनकी पार्टी ने सात सीटें जीती हैं और बावजूद इसके उन्हें कोई कैबिनेट मंत्रालय नहीं दिया गया. उनका कहना है कि एनडीए के अन्य घटक दलों को कम सीट मिलने पर भी कैबिनेट में जगह मिली है.