
UP: विवादों से रहा है गहरा नाता, कौन हैं कोर्ट से सजा की फाइल लेकर भागने वाले मंत्री राकेश सचान
AajTak
उत्तर प्रदेश सरकार में खादी ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान अवैध असलहा के एक पुराने मामले में शनिवार को दोषी करार दिए गए. कोर्ट सजा सुनाती उससे पहले ही मंत्री अपने वकील की मदद से सजा के आदेश की मूल प्रति लेकर फरार हो गए. दरअसल, राकेश सचान छात्र नेता रहे हैं. विवादों से उनका पुराना नाता है. उन पर चल रहे कई मुकदमे छात्र जीवन से जुड़े हैं.
यूपी में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान पर कोर्ट से सजा की फाइल लेकर भागने का आरोप है. अवैध हथियार के एक पुराने मामले में शनिवार को कानपुर की एक अदालत ने सचान को दोषी करार दिया था. दरअसल, राकेश छात्र जीवन में छात्र राजनीति के नेता रहे हैं. उन पर चल रहे कई मुकदमे छात्र जीवन से जुड़े हैं. जिस मामले की फाइल लेकर भागने का आरोप उन पर लगा है, वह 1991 में उनके छात्र जीवन के समय का एक केस है.
नौबस्ता इलाके में 31 साल पहले नृपेंद्र सचान की दो लोगो के साथ हत्या हुई थी. उस समय राकेश सचान को नौबस्ता एसओ ब्रजमोहन ने एक रायफल के साथ पकड़ा था, जिसका लाइसेंस उनके पास नहीं था. हालांकि राकेश सचान दावा करते हैं कि राइफल उनके मेरे नाना की थी. पुलिस ने जानबूझकर उन्हें पकड़ लिया. यही मुकदमा तब से कोर्ट में चल रहा था. जिस पर शनिवार को एसीएमएम थर्ड कोर्ट अपना जजमेंट देने जा रही थी. लेकिन आरोप है कि राकेश सचान वह पत्रावली लेकर भाग गए.
कौन सा केस कहां दर्ज है?
राकेश पर इसके अलावा 3 मुकदमे और चल रहे हैं. इनमें दो ग्वालटोली थाने में दर्ज हुए थे, जबकि एक कोतवाली में दर्ज है. इनमे कोतवाली में भी उन पर आर्म एक्ट का केस है, जबकि ग्वालटोली में एक मामला 323 ,504 353 का है. जबकि दूसरा भी हिंदी भवन में बवाल करने का है. राकेश सचान ने 2014 में अपने शपथ पत्र में 8 मुकदमों का खुलासा किया था. तब उन पर 4 केस चल रहे थे. जबकि एक केस में वह बरी हो चुके हैं.
क्या है केस वापस लेने का मामला?
इन केसों को वापस लेने के लिए सपा और बीजेपी प्रयास करती रही हैं. खुद राकेश सचान ने बताया कि उन पर ये केस छात्र जीवन के समय के हैं, जिनको अखिलेश सरकार ने भी वापस लेने का आदेश किया था. उस समय किसी कारण से वापस नहीं हो पाए. इस बार हमारी सरकार ने भी केस वापस लेने का आदेश डीएम के यहां भेजा है. वह प्रक्रिया चल रही है. शनिवार को इसी कोर्ट में राकेश सचान के तीन केस एक साथ लगे थे. जिनमे ग्वालटोली वाले दोनों केसों की तारीख थी, जबकि नौबस्ता वाले आर्म्स एक्ट में जिरह पूरी होकर जजमेंट लगी थी.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







