
UP में हर चौथा MLA ठाकुर या ब्राह्मण, यादव से ज्यादा कुर्मी जीतकर आए, मुस्लिम भी बढ़े
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यूपी में बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करके इतिहास रच दिया है. इस बार सबसे ज्यादा 52 ब्राह्मण विधायक बने, उसके बाद 49 ठाकुर विधायक बने. तीसरे नंबर पर कुर्मी हैं. जिनके 41 विधायक हैं. चौथे नंबर पर 34 विधायकों के साथ मुस्लिम हैं.
उत्तर प्रदेश चुनाव में सभी पार्टियों ने अपने-अपने हिसाब से सियासी समीकरण को साधने का दांव चला था. जाति आधार पर टिकट बंटवारे किए गए थे. बीजेपी के सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला योगी आदित्यनाथ के लिए हिट रहा तो सवर्ण समुदाय के लिए सुपरहिट रहा है. यूपी चुनाव नतीजे से योगी सरकार के सत्ता में वापसी के साथ-साथ ब्राह्मण समुदाय से सबसे ज्यादा विधायक जीतकर आए हैं तो दूसरे नंबर पर ठाकुर विधायकों की संख्या हैं. वहीं, पिछली बार से ज्यादा मुस्लिम विधायक इस बार जीतकर आए हैं.
यूपी में सबसे ज्यादा ब्राह्मण विधायक बने
यूपी की सियासत में ब्राह्मणों का दबदबा पूरी तरह से काम है. इस बार 403 सीटों में से 52 ब्राह्मण विधायक चुनकर आए हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा 46 बीजेपी से हैं जबकि पांच सपा और एक कांग्रेस से जीत दर्ज की है. ऐसे ही 49 विधायक ठाकुर समाज से जीतकर आए है, जिनमें बीजेपी गठबंधन से 43, सपा से 4, बसपा से एक और जनसत्ता पार्टी से राजा भैया हैं. इस तरह से सूबे में हर आठवां विधायक ब्राह्मण है जबकि चौथा विधायक ठाकुर या ब्राह्मण है.
यादव से ज्यादा कुर्मी विधायक बनने में सफल
यूपी में ओबीसी समुदाय में इस बार सबसे ज्यादा कुर्मी समुदाय से विधायक चुने गए हैं जबकि ओबीसी में उनकी आबादी यादव समुदाय से कम है. सूबे में 41 कुर्मी विधायक जीते हैं, जिनमें 27 बीजेपी गठबंधन से, 13 सपा गठबंधन से और एक कांग्रेस पार्टी से जीतकर सदन पहुंचे. वहीं, इस बार यादव विधायक की कुल संख्या सदन में 27 है, जिसमें से 24 सपा और तीन बीजेपी से जीत कर आए हैं.
सूबे में भले ही सपा गठबंधन सरकार बनाने में कामयाब नहीं रही हो, लेकिन मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व बढ़ गया. इस बार मुस्लिम विधायकों की संख्या 34 पर पहुंच गई है, जिसमें 32 सपा से और दो आरएलडी से जीते हैं. वहीं, 2017 के चुनाव में 23 मुस्लिम विधायक ही जीतकर आए थे जबकि इसबार बढ़कर 34 विधायक हो गए हैं. हालांकि, मुस्लिमों की आबादी के लिहाज से ये संख्या कम है.

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