
UP: बेदाग छवि, लेकिन जीत नहीं, बरकरार रहेंगे नरेश उत्तम या SP को मिलेगा नया प्रदेश अध्यक्ष?
AajTak
सपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव अधिवेशन के पहले दिन यानी बुधवार को होना है. ऐसे में सभी के मन में एक सवाल है कि सपा की कमान नरेश उत्तम के हाथों में ही रहेगी या फिर बदलाव किया जाएगा. पिछले पांच साल से नरेश उत्तम पटेल सपा के यूपी अध्यक्ष हैं. 2017 में शिवपाल यादव को हटाए जाने के बाद नरेश उत्तम को सपा का यूपी प्रमुख बनाया गया था.
समाजवादी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दी है. सपा का दो दिवसीय अधिवेशन लखनऊ में आज से शुरू हो चुका है, इसमें प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा. सपा संगठनात्मक चुनाव कर 2024 से पहले अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट करेगी. राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए एक बार फिर से अखिलेश यादव के नाम पर मुहर लगनी तय है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नरेश उत्तम बरकरार रहेंगे या फिर किसी नए चेहरे को पार्टी की कमान सौंपी जाएगी?
नरेश उत्तम को क्या दोबारा मिलेगी कमान
सपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव अधिवेशन के पहले दिन बुधवार को होना है. ऐसे में सभी के मन में एक सवाल है कि सपा पार्टी की कमान नरेश उत्तम के हाथों में ही रहेगी या फिर बदलाव किया जाएगा. पिछले पांच साल से नरेश उत्तम पटेल सपा के यूपी अध्यक्ष हैं. 2017 में शिवपाल यादव को हटाए जाने के बाद नरेश उत्तम को सपा का यूपी प्रमुख बनाया गया था. अब एक बार फिर उनका नाम दौड़ में सबसे आगे है. उन्हें अखिलेश यादव के करीबियों में शुमार किया जाता है.
नरेश उत्तम का कार्यकाल भले ही बेदाग रहा है, लेकिन पार्टी को जीत नहीं दिला सके. नरेश उत्तम के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए दो विधानसभा और एक लोकसभा चुनाव पार्टी हार चुकी है, लेकिन गैर-यादव ओबीसी कुर्मी समुदाय से होने एवं अखिलेश यादव के साथ नजदीकी के चलते उनकी कुर्सी बरकरार रह सकती है.
नरेश उत्तम नहीं तो फिर किस चेहरे पर दांव
सपा के अधिवेशन में सबसे पहले प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है. ऐसे में नरेश उत्तम को अगर दोबारा से पार्टी की कमान नहीं सौंपी जाती है तो फिर प्रदेश में पार्टी की कमान कौन संभालेगा. सूबे के सियासी समीकरण को देखते हुए संभावना है कि नरेश उत्तम की कुर्सी बरकरार रह सकती है, लेकिन वो प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो दूसरे नामों की चर्चा है. ऐसे में दूसरी पार्टियों से सपा में आए नेताओं के प्रदेश अध्यक्ष बनने के कयास लगाए जा रहे हैं. इस फेहरिश्त में स्वामी प्रसाद मौर्य से लेकर रामअचल राजभर, लालजी वर्मा और इद्रजीत सरोज तक के नाम शामिल हैं.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







