
Ulajh Review: सस्पेंस के नाम पर मिलेगी बोरियत, जाह्नवी कपूर की एक्टिंग देख दिमाग जाएगा 'उलझ'
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जाह्नवी कपूर की नई फिल्म 'उलझ' को देखने के बाद एक लाइन में अगर इसका रिव्यू देना होगा तो मैं कहूंगी कि ये बहुत उलझी हुई फिल्म है. 'क्यों', 'कैसे', 'ऐसा इसमें क्या है?', रिव्यू पढ़कर जान लो ब्रदर.
जाह्नवी कपूर की नई फिल्म 'उलझ' को देखने के बाद एक लाइन में अगर इसका रिव्यू देना होगा तो मैं कहूंगी कि ये बहुत उलझी हुई फिल्म है. 'एक्साइटिंग' उलझी हुई नहीं, 'बोरिंग' उलझी हुई.
कहानी से शुरुआत करते हैं. फिल्म की कहानी सुहाना भाटिया (जाह्नवी कपूर) नाम की लड़की पर आधारित है. सुहाना भारत के फेमस डिप्लोमैट वनराज भाटिया (आदिल हुसैन) की बेटी हैं. उनके दादा यूएन में इंडिया की तरफ से रिप्रेजेंटिव थे, जिनका नाम भारत के बच्चों की सिविक्स की किताबों में लिखा जाता है. तो टोटल बात ये है कि सुहाना एक स्ट्रॉन्ग पॉलिटिकल परिवार से हैं. लेकिन उनका किरदार 'एनिमल' के रणविजय सिंह के बराबर का ही है. वो ड्रिंक भी अपने पापा की पसंद की ही पीती है.
सुहाना भाटिया को तगड़े डैडी इश्यू हैं. बेटी को उसके काम और दिमागी सोच के चलते छोटी उम्र में डिप्टी हाई कमिश्नर बना दिया गया है, लेकिन सुहाना के पिता जी को खास खुशी नहीं है. सुहाना रोते हुए उन्हें खुद में विश्वास करने को कहती है और फिर आगे ऐसी-ऐसी बेवकूफी करती है कि आप सोचते हैं कि इसके पापा सही हैं, भरोसे लायक तो नहीं हैं ये.
सुहाना को बड़ी पोस्ट मिलने के बाद उसका ट्रांसफर लंदन में हो जाता है. यहां उसे अपना पर्सनल ड्राइवर मिलता है, जिसका नाम है सलीम (राजेश तैलंग). सलीम का कहना है कि अनजान शहर में वो सुहाना का ख्याल रखेगा. अगर जरूरत पड़े तो सुहाना उसे आधी रात को भी बुला सकती है. ऐसे में जब सुहाना के चेहरे पर शिकन नजर आती है तो वो तुरंत मदद ऑफर कर देता है. आपको तभी पता चल जाता है कि सलीम सीधा आदमी तो नहीं है. इतनी प्रेडिक्टेबल ये पिक्चर है.
सुहाना इतनी बड़ी एम्बेसी में काम करने के बावजूद बिना जाने और समझे एक अनजान आदमी को अपना दिल दे बैठती है. ये अनजान आदमी अपना नाम नकुल (गुलशन देवैया) बताता है. लेकिन नकुल की प्यारी-प्यारी और मीठी-मीठी बातों में उलझी सुहाना उसका बैकग्राउंड चेक करना ही भूल जाती है. अब डिप्लोमैट होकर अगर आप किसी भी ऐरे-गैरे के साथ घूमोगे और उसके रातें बिताओगे तो क्या होगा? जो आप सोच रहे हैं वही. नकुल, सुहाना की बेवकूफी का फायदा उठाकर उसे ब्लैकमेल करता है. दबाव में आकर सुहाना भारत के जरूरी और गोपनीय डॉक्यूमेंट्स को लीक करना शुरू कर देती है. अब उसका करियर दांव पर लग गया है. साथ ही उसके 'पापा' की इज्जत और पोजीशन पर भी बन पड़ी है.
सुधांशु ने ये क्या किया?

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