Tesla Name Story: यूं ही नहीं कोई Tesla बन जाता... कंपनी का नाम हासिल करने के लिए Elon Musk को बनानी पड़ी थी ये रणनीति
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Tesla Inc आज दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनियों में से एक बन चुकी है. 19 साल पहले स्थापित हुई ये ब्रांड आज इलेक्ट्रिक कारों का पर्याय बन चुकी है. Elon Musk एक साक्षात्कार में बताते हैं कि, आखिर इस ब्रांड नेम के राइट्स को खरीदने के लिए उन्होनें किस तरह की रणनीति बनाई.
दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मशहूर अमेरिका की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला (Tesla) आए दिन चर्चा में रहती है. कभी अपने एडवांस फीचर्स वाली कारों के चलते तो कभी ऑटोनॉमस ड्राइविंग सिस्टम में आने वाली तकनीकी खराबियों को लेकर. हालांकि आज हम आपको इस ब्रांड के किसी मॉडल की नहीं बल्कि इसके नाम के पीछे की कहानी को लेकर आए हैं, आखिर किस तरह इलेक्ट्रिक वाहनों का पर्याय बनी टेल्सा को ये नाम मिला.
साल 2003 में इलेक्ट्रिक व्हीकल स्पेस में एंट्री करने के बाद समय के साथ टेस्ला अब एक बड़ा नाम बन चुकी है. हालांकि बाजार में कई दिग्गज कंपनियां हैं, जो कि इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करती हैं, लेकिन Tesla अपने एडवांस फीचर्स वाले इलेक्ट्रिक वाहनों के चलते एक अलग मुकाम बना चुकी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि 'टेस्ला' ब्रांड नेम का अधिकार पहले से कंपनी के पास नहीं था, बल्कि इसे किसी और से खरीदा गया था.
एलन मस्क ने एक साक्षात्कार के दौरान इस बात की पुष्टी की थी कि, किस तरह उन्हें इस नाम के अधिकार को प्राप्त करने के लिए इसे किसी और से खरीदना पड़ा था. टेक इम्पल्स के एक यूट्यूब शॉर्ट ने मस्क को टेस्ला मोटर्स के नाम के बारे में बात करते हुए दिखाया गया है. जिसमें मस्क बताते हैं कि, यह नाम किसी अन्य स्रोत से आया है, और उनके पास भी इस नाम का अधिकार (राइट्स) नहीं था.
आखिरकार मस्क को नाम कैसे बेचा गया, इसकी कहानी दिलचस्प है. इस शॉर्ट वीडियो में मस्क बताते हैं कि, वे टेस्ला नाम के साथ नहीं आए थे, न ही उनके पास यह नाम था. वास्तव में, यह नाम पहले से ही मौजूद था, और इसका अधिकार मूल रूप से सैक्रामेंटो के एक लड़के के पास था, जो कि पहले से ही इसका मालिक था. मस्क को ये नाम काफी पसंद था और वो इस नाम को अपने ब्रांड के लिए इस्तेमाल करने के लिए दृढ़ थें। इस नाम को खरीदने के लिए उन्होंने शुरू में 75,000 डॉलर की पेशकश की थी, लेकिन सैक्रामेंटो का लड़का उस नाम को बेचना ही नहीं चाहता था.
कंपनी के सबसे अच्छे व्यक्ति को नाम खरीदने भेजा:
मस्क इस वीडियो में बताते हैं कि, उन्होनें उस लड़के से नाम प्राप्त करने के लिए एक रणनीति बनाई और कंपनी के सबसे अच्छे, सबसे प्यारे और बेहतर व्यक्ति को उस लड़के के पास भेजा ताकि इस नाम के राइट्स को खरीदा जा सके. वो बताते हैं कि कंपनी के कर्मचारी को निर्देशित किया गया था कि, वो उस लड़के के दरवाजे पर तब तक बैठा रहे जब तक कि वो नाम बेचने के लिए राज़ी न हो जाए. वीडियो में देखा जा सकता है कि, मस्क उक्त व्यक्ति को 'नाइसेस्ट पर्सन' कह कर संबोधित करते हैं, जिसके बारे में वो बताते हैं कि उससे नाराज होना असंभव है.
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