
RSS से नाता, बृजभूषण के करीबी... कौन हैं संजय सिंह जिनके WFI अध्यक्ष बनने पर साक्षी मलिक ने छोड़ दी कुश्ती
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RSS से जुड़े संजय सिंह वाराणसी के रहने वाले हैं और बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी हैं. संजय सिंह 'बबलू' को कुश्ती से बेहद लगाव है वह कुश्ती संघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं. बृजभूषण के वफादार और यूपी कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय को 40 वोट मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी अनीता श्योराण को 7 वोट मिले.
कुश्ती की दुनिया में आज 2 बड़े घटनाक्रम हुए. पहला रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) को नया अध्यक्ष मिल गया. WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के सहयोगी संजय सिंह नए अध्यक्ष बने हैं. दूसरा महिला पहलवान साक्षी मलिक ने आज कुश्ती से संन्सास लेने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने रुंधे गले से कहा कि बृजभूषण शरण सिंह का बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी WFI का अध्यक्ष चुना जाता है, तो मैं अपनी कुश्ती को त्यागती हूं. बृजभूषण के वफादार और यूपी कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष संजय को 40 वोट मिले, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी अनीता श्योराण को 7 वोट मिले.
भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव में संजय सिंह और उनके पैनल ने अधिकांश पदों पर आसानी से जीत हासिल कर ली है. RSS से जुड़े संजय सिंह वाराणसी के रहने वाले हैं और बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी हैं. संजय सिंह मूल रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के रहने वाले हैं. इस समय वो वाराणसी में अपने परिवार के साथ रहते हैं. संजय सिंह बबलू पिछले डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय से कुश्ती संघ से जुड़े हैं और बृजभूषण शरण सिंह के काफी नजदीकी माने जाते हैं. वो 2008 से ही वाराणसी कुश्ती संघ के जिला अध्यक्ष हैं. संजय सिंह बबलू का 2009 में प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष के रूप में चयन हुआ था.
संजय सिंह को कुश्ती से है लगाव
संजय सिंह 'बबलू' को कुश्ती से बेहद लगाव है वह कुश्ती संघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं. वह कई बार संघ की कार्य समिति में भी शामिल रह चुके हैं. इसके अलावा वह भारतीय कुश्ती संघ का नेतृत्व करने के लिए विदेश में भी दौरा कर चुके हैं. ऐसा कहा जाता है कि पूर्वांचल की महिला पहलवानों को आगे लाने में संजय सिंह बबलू का अहम किरदार रहा है.
जीत के बाद क्या बोले नए WFI अध्यक्ष
निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण की खेल में जबरदस्त रुचि को देखते हुए ये उम्मीद जताई जा रही है कि संजय सिंह नीतिगत निर्णयों में उनसे सलाह लेंगे. संजय सिंह ने अपनी बड़ी जीत के बाद कहा कि यह देश के उन हजारों पहलवानों की जीत है, जिन्हें पिछले 7-8 महीनों में हार का सामना करना पड़ा है.

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