
Ram Setu Review: अक्षय कुमार की फिल्म की कहानी है दिलचस्प, लेकिन खिंचा हुआ ट्रीटमेंट करता है कन्फ्यूज
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अक्षय कुमार की फिल्म 'राम सेतु' थिएटर्स में पहुंच चुकी है. फिल्म की कहानी 'रामायण' में बताए गए राम सेतु की खोज पर आधारित है. अक्षय के साथ जैकलीन फर्नांडिस, नुशरत भरूचा और सत्यदेव भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं. 'राम सेतु' का ट्रेलर तो लोगों को एक्साइटिंग लग रहा था, लेकिन क्या फिल्म भी है दमदार? जानिए इस रिव्यू में.
'रामायण' में लंका पर चढ़ाई करने के लिए भगवान राम की सेना द्वारा समुद्र पर 'राम सेतु' बनाने की कथा बहुत दिलचस्प है. भारत और श्रीलंका के बीच आज तो ऐसा कोई पुल नहीं है, लेकिन मैप पर जो एक महीन सी रेखा दोनों देशों को जोड़ती दिखती है, माना जाता है कि यही 'राम सेतु' के अवशेष हैं. भारतीय जनमानस में ये राम सेतु एक फैसिनेशन रहा है और इसके साथ धार्मिक आस्था भी जुड़ी है. राम सेतु एक बड़ी बहस का भी हिस्सा रहा है.
जहां तथ्यों के आधार पर एक पक्ष राम सेतु को प्राकृतिक निर्माण मानता है, वहीं दूसरा पक्ष इसे प्रभु श्रीराम का बनाया हुआ मानता है. अक्षय कुमार की फिल्म 'राम सेतु' इसी माइथोलॉजिकल पुल को केंद्र में रखकर बुनी गई है. 'राम सेतु' के ट्रेलर ने जनता में अच्छा माहौल बनाया था और अब फिल्म भी थिएटर्स में पहुंच चुकी है.
कहानी 'राम सेतु' की कहानी अफगानिस्तान से शुरू होती है जहां तालिबान के हमले में बामियान के बुद्ध की प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो चुकी है. इंडिया के मशहूर आर्कियोलॉजिस्ट डॉक्टर आर्यन अपनी टीम के साथ इस ऐतिहासिक साईट को रिस्टोर करने पहुंचे हैं. इस पूरे सीक्वेंस से फिल्म ये बैकग्राउंड सेट करती है कि आर्यन नास्तिक है, धर्म में यकीन नहीं करता लेकिन संस्कृति के अवशेषों से उसे प्रेम है इसलिए आर्कियोलॉजिस्ट है और वो पूरी तरह तथ्य मानता है.
इसके बाद कहानी में एंट्री होती है साउथ के आइकॉनिक एक्टर नासर की, जो फिल्म में बिजनेसमैन इन्द्रजीत के रोल में हैं और उनकी कंपनी 'पुष्पक शिपिंग' ने भारत सरकार को सेतुसमुद्रम प्रोजेक्ट का प्रपोजल दिया है. लेकिन इस प्रोजेक्ट से राम सेतु को नुकसान होगा और इसीलिए इसका विरोध हो रहा है. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचता है और सरकार डॉक्टर आर्यन की रिपोर्ट के सहारे प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए कहती है. पहले से मौजूद फैक्ट्स और स्टडी के आधार पर डॉक्टर आर्यन ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि राम सेतु एक प्राकृतिक निर्माण है.
इस रिपोर्ट से जनता की धार्मिक भावना को भी ठेस पहुंचती है जिसका असर आर्यन का परिवार भी झेलता है और उसे सस्पेंड कर दिया जाता है. दूसरी तरफ, इन्द्रजीत चाहता है कि उसका प्रोजेक्ट दोबारा पंगे में न फंसे और पूरी वैज्ञानिक रिपोर्ट से प्रूव किया जाए कि राम सेतु प्राकृतिक निर्माण है और मानव निर्मित नहीं. इसलिए वो सस्पेंड हो चुके डॉक्टर आर्यन को सारी सुविधाएं देकर राम सेतु का सच खोजने भेज देते हैं. लेकिन अगर राम सेतु का सच इन्द्रजीत की उम्मीद से अलग निकला तो क्या होगा? नास्तिक डॉक्टर आर्यन, क्या फैक्ट्स और सबूत मिलने पर राम सेतु का अस्तित्व स्वीकार करेगा? इसका जवाब आपको 'राम सेतु' देखकर मिलेगा.
क्या अच्छा क्या बुरा 'राम सेतु' की कहानी शुरू तो बहुत दिलचस्प तरीके से होती है और पहले 45 मिनट में ही आपको स्क्रीन पर समुद्र की गहराई में एक स्ट्रक्चर दिखता है, जिसे फिल्म में भगवान राम की सेना के बनाए राम सेतु का अवशेष बताया गया है. हालांकि सेकंड हाफ में फिल्म बहुत कन्फ्यूज सी लगी और इसकी कहानी बिखरने लगती है. फिल्म राम सेतु की कहानी एक ऐसे व्यक्ति के नजरिए से अप्रोच करती है जो नास्तिक है और धार्मिक महाकाव्यों को केवल 'लिटरेचर' मानता है.

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