Raju Srivastava death: कार्डियक अरेस्ट ने ली 58 साल के राजू श्रीवास्तव की जान, आप अभी से छोड़ें खाने की ये चीजें
AajTak
कार्डियक अरेस्ट बेहद खतरनाक और जानलेवा है. इसमें मौत होने की आशंका काफी ज्यादा होती है. इसके कोई सटीक लक्षण नहीं हैं लेकिन पहले से दिल की बीमारियों के शिकार मरीजों को कार्डियक अरेस्ट आने का खतरा ज्यादा होता है. सामान्य तौर पर हमारा दिल एक मिनट में 60 से लेकर 90 या 100 बार धड़कता है. वहीं, कार्डियक अरेस्ट में दिल की धड़कन 250 से 350 बीट प्रति मिनट तक पहुंच जाती हैं.
कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का 58 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स अस्पताल में आज सुबह निधन हो गया. अपनी कॉमेडी से लोगों को हंसाने वाला ये सितारा आज अपने करोड़ों फैन्स को रुला गया. राजू श्रीवास्तव को 10 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने के बाद दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. राजू श्रीवास्तव 50 दिनों से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहे और कई कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका. कुछ ही समय पहले मशहूर गायक केके की हार्ट अटैक से मौत हुई थी. पिछले साल सितंबर महीने में टीवी अभिनेता और बिग बॉस विनर सिद्धार्थ शुक्ला ने भी दिल का दौरा पड़ने से अपनी जान गंवाई थी.
हाल के कम समय में हमारे सामने हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट से बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड और दक्षिण भारत के ऐसे कई मशहूर सितारों की मौत की खबरें आई हैं. आकड़ों के मुताबिक, हर महीने लगभग दो से तीन हजार लोगों को दिल की बीमारी की वजह से अपनी जान गंवाते हैं. ये आंकड़े हमें दिल की बीमारियों को गंभीरता से लेने के लिए चेताते हैं. इस खबर में हम आपको हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट की वजह और हमारी उन छोटी लेकिन खतरनाक गलतियों के बारे में बताएंगे जिनकी वजह से हम दिल की बीमारियों के शिकार हो रहे हैं.
क्या बला है कार्डियक अरेस्ट और क्यों होता है?
कार्डियक अरेस्ट बेहद खतरनाक स्थिति है जिसमें अचानक व्यक्ति का दिल बंद हो जाता है और इलाज़ न मिलने पर कुछ ही मिनट में उसकी मौत हो जाती है. ऐसा हार्ट के सिस्टम में खराबी आने की वजह से होता है. दिल के बंद होने से शरीर में खून की सप्लाई रुक जाती है. इस स्थिति में व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने लगती है, सीने में तेज दर्द होता है, चक्कर आते हैं और उसकी पल्स बंद हो जाती है. अगर इलाज ना मिले तो ये कुछ ही पलों में इंसान की जिंदगी छीन लेता है.
कार्डियक अरेस्ट में कैसे बचाएं व्यक्ति की जान कार्डियक अरेस्ट में मरीज की हालत तेजी से बिगड़ती है इसलिए ना ही उसे और ना ही उसके आसपास के लोगों को इस स्थिति का अंदाजा लग पाता है. किसी व्यक्ति में इसके लक्षण दिखते हैं और किसी में नहीं दिखते. अगर किसी को सीने में तेज दर्द हो या वो बेहोश हो जाए और उसकी पल्स भी गिरने लगे तो ये कार्डियक अरेस्ट का संकेत है. इस स्थिति में बिना वक्त गंवाए व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए और अगर उसमें वक्त लगे तो जान बचाने के लिए तुरंत सीपीआर (CPR) देना चाहिए.
ये गलतियां बनती हैं कार्डियक अरेस्ट की वजह दुनिया भर में अभी तक दिल के रोग पर जो भी रिसर्च हुईं, उन सभी ने बताया है कि हमारे दिल की सेहत हमारी जीवनशैली और खानपान से जुड़ी है. रिसर्च ये भी बताती हैं कि अत्यधिक नॉन वेजीटेरियन डाइट लेने वाले लोगों को दिल की बीमारियों का खतरा वेजीटेरियन और संतुलित मात्रा में मांस का सेवन करने वाले लोगों की तुलना में अधिक होता है. दिल के रोग सबसे ज्यादा खानपान की गलत आदतों की वजह से ही होते हैं. अगर हम पहले से ही इस पर ध्यान दें तो दिल के रोगों का खतरा काफी हद तक कम हो सकती है.
NEET on High Court: नीट परीक्षा परिणाम को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि नीट यूजी काउंसलिंग को रोका नहीं जाएगा. एचसी ने एनटीए को नोटिस देकर जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया है. इस मामले पर हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 5 जुलाई 2024 को होनी है.
WHO के मुताबिक, H9N2 वायरस के चलते होने वाले बर्ड फ्लू 4 साल का एक बच्चा संक्रमित पाया गया. मरीज को सांस लेने में तकलीफ, बुखार और पेट में तेज दर्द के चलते फरवरी में लोकल अस्पताल के एक पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में एडमिट कराया गया था. तीन महीने के इलाज के बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया था.