MP: सियासत की दिशा तय करती है नर्मदा नदी, जानिए कितनी सीटों पर असर डालता है 'मां नर्मदा फैक्टर'
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एमपी में नर्मदा न सिर्फ जीवनदायिनी नदी है बल्कि इससे जुडा एक बड़ा वोट बैंक भी है. यही वजह है कि एमपी में चुनावी बेड़ा पार करने के लिए नर्मदा मैया के सहारे जीत की नैया पार करने की कोशिशें की जा रही हैं. कांग्रेस हो या भाजपा मां नर्मदा के सहारे अपना वोट बैंक बढ़ाने की कोशिश जरूर कर रहा है.
मध्य प्रदेश की जीवनदायिनी कही जाने वाली नर्मदा नदी चुनावी साल में राजनितिक दलों के लिए भी जीवनदायिनी साबित होती है. 2023 विधानसभा चुनाव से पहले भी मध्य प्रदेश में नर्मदा के जयकारे हो रहे हैं, पूजा आरती हो रही है. पहले प्रियंका गांधी ने नर्मदा आरती कर चुनावी शंखनाद किया तो अब कांग्रेस ने नर्मदा सेवा सेना यात्रा शुरू की है, तो वहीं अब सीएम शिवराज भी नर्मदा की पूजा अर्चना कर रहे हैं. सियासी दलों की नर्मदा भक्ति पर इस रिपोर्ट को पढ़िए और समझिये कैसे मध्य प्रदेश की राजनीति में जरूरी है मां नर्मदा का आशीर्वाद?
एमपी में नर्मदा न सिर्फ जीवनदायिनी नदी है बल्कि इससे जुडा एक बड़ा वोट बैंक भी है. यही वजह है कि एमपी में चुनावी बेड़ा पार करने के लिए नर्मदा मैया के सहारे जीत की नैया पार करने की कोशिशें की जा रही हैं. कांग्रेस ने सोमवार से नर्मदा सेवा सेना बनाकर नर्मदापुरम से नर्मदा आरती पूजा कर नर्मदा सेवा यात्रा का अभियान शुरू किया है. इसके तहत कांग्रेस कार्यकर्ता नर्मदा किनारे के इलाकों में सदस्य बनाएंगे, नर्मदा में अवैध रेत उत्खनन, नदी में मिलती गंदगी को रोकने का काम करेंगे. नर्मदा के सहारे कांग्रेस चुनावी शंखनाद भी कर चुकी है. हाल ही में 12 जून को प्रियंका गांधी वाड्रा ने जबलपुर में मां नर्मदा के तट पर पहुंचकर आरती की, जिसमें कमलनाथ भी मौजूद रहे और चुनावी शंखनाद की शुरुआत की थी.
नर्मदा को साफ रखने की कवायद या सिर्फ सियासत?
'आजतक' से बात करते हुए नर्मदा सेवा सेना के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि 'नर्मदा जी की रक्षा करना और जो अन्य नदिंया हैं मध्य प्रदेश की उनकी रक्षा करना, उनके पानी को बचाना, अवैध उत्खनन ओर अतिक्रमण के रास्ते से जिस तरह से नदियों को सुखा दिया गया है, बर्बाद कर दिया गया है, जिस तरह से इनकी जैव विविधता बर्बाद कर दी गई है, उस सब पर रक्षा करने की जरूरत है. दुनिया कहती है कि अगर तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो वो पानी के लिए होगा और हम पानी का सत्यानास कर रहे हैं. जो नर्मदा जी हमारे 4 करोड़ लोगों को जीवन देती हैं. इतने खेतों को सिंचती हैं. इनकी वजह से 4 करोड़ लोगों के लिए अनाज पैदा होता है. इसी नदी की वजह से हमें बिजली मिलती है जिनसे हमारे मध् यप्रदेश के आधे घर रोशन हो रहे हैं उन नर्मदा जी के प्रति ये सरकार इतनी निष्ठुर है इतनी कठोर है इसका हम जनजागरण करना चाहते है.
नर्मदा सेवा सेना के अध्यक्ष ने बताया कि कल हम नर्मदापुरम गए थे, वहां पर हमने देखा कि नर्मदा के बिल्कुल सेठानी घाट में मुंह पर कोरीघाटी के नाले का गंदा पानी नर्मदा में समाहित हो रहा है. 18 साल बाद 18वीं बार नाव पर खड़े होकर मुख्यमंत्री इसका वादा कर चुके हैं कि हम ये नाला बन्द कर देंगे. लेकिन आज तक वो नाला बंद नहीं हुआ. इसे रोकने की जरूरत है. इसमें जो भी कानूनी तरीके हैं उनको भी हम अपनाएंगे. एनजीटी में भी जाएंगे, इन सब चीज के लिए प्रयास करेंगे.
दिग्विजय कर चुके हैं परिक्रमा, शिवराज ने शुरू की थी नर्मदा सेवा यात्रा
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