
Laal Singh Chaddha की डील पक्की! नेटफ्लिक्स ने कम कीमत पर खरीदे OTT राइट्स, 8 हफ्तों बाद होगी रिलीज!
AajTak
रिपोर्ट्स हैं लाल सिंह चड्ढा को इसका ओटीटी बायर मिल गया है. कहा जा रहा कि इसे नेटफ्लिक्स ने खरीद लिया है. लेकिन कम डील में. लोगों को ओटीटी पर ये फिल्म देखने के लिए 6 महीनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. चर्चा है लाल सिंह चड्ढा रिलीज डेट से 8 हफ्तों बाद आपके मोबाइल स्क्रीन पर दिखेगी.
कभी आमिर खान की फिल्मों का लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता था. पर ये 2022 है और कोरोना काल के बाद सब कुछ बदल गया है. लगता है आमिर खान के चाहने वाले भी. तभी तो लाल सिंह चड्ढा को थियटर्स में दर्शक नहीं मिले और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर खरीदार. पर अब लगता है मेकर्स और आमिर की मुश्किल कम हो गई है.
लाल सिंह चड्ढा की ओटीटी डील पर बड़ी खबर
रिपोर्ट्स हैं कि आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा को इसका ओटीटी बायर मिल गया है. कहा जा रहा कि इसे नेटफ्लिक्स ने खरीद लिया है. लेकिन कम डील में. पहले रिपोर्ट्स थीं नेटफ्लिक्स आमिर की फिल्म को खरीदने के लिए एक्साइटेड था. मेकर्स ने नेटफ्लिक्स के सामने 150 करोड़ की डील रखी थी. पर नेटफ्लिक्स को ये डील ज्यादा लगी थी और 80-90 करोड़ में बात पक्की हुई थी. मगर बॉक्स ऑफिस फेलियर के बाद डील 50 करोड़ पर आ गई.
नेटफ्लिक्स ने खरीदी आमिर की फिल्म!
इस बीच खबरें आईं कि नेटफ्लिक्स ने लाल सिंह चड्ढा को लेकर हुई डील कैंसिल कर दी. उधर, मेकर्स ने दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म को तलाशा और वूट के साथ 125 करोड़ में डील कंफर्म की. लेकिन फिर कहानी में बड़ा ट्विस्ट आया है. बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट के मुताबिक, लाल सिंह चड्ढा के मेकर्स और नेटफ्लिक्स में एक बार फिर बातचीत हुई. दोनों पार्टियों ने नुकसान की बजाय डील से होने वाले फायदे देखे. आमिर को नेटफ्लिक्स से ग्लोबल रीच मिलेगी. वहीं ओटीटी पर आने से फिल्म के ओवरसीज बिजनेस को फायदा होगा.
8 हफ्तों बाद आमिर की फिल्म देख सकेंगे!

रूसी बैले डांसर क्सेनिया रयाबिनकिना कैसे राज कपूर की क्लासिक फिल्म मेरा नाम जोकर में मरीना बनकर भारत पहुंचीं, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है. मॉस्को से लेकर बॉलीवुड तक का उनका सफर किसी फिल्मी किस्से से कम नहीं. जानिए कैसे उनकी एक लाइव परफॉर्मेंस ने राज कपूर को प्रभावित किया, कैसे उन्हें भारत आने की इजाजत मिली और आज वो कहां हैं और क्या कर रही हैं.

शहनाज गिल ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड में अच्छे रोल नहीं मिल रहे थे और उन्हें फिल्मों में सिर्फ प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी वजह से उन्होंने अपनी पहली फिल्म इक कुड़ी खुद प्रोड्यूस की. शहनाज ने कहा कि वो कुछ नया और दमदार काम करना चाहती थीं और पंजाबी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थीं.

ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.










