Delhi Pollution: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच NDMC का बड़ा फैसला, पार्किंग फीस को किया दोगुना
AajTak
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के बीच नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने बड़ा फैसला लिया है. NDMC ने सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए पार्किंग फीस को बढ़ाकर दो गुना कर दिया है.
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण स्तर के बीच नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने बड़ा फैसला लिया है. NDMC ने लोगों को प्राइवेट वाहन का इस्तेमाल कम करने और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाकर दोगुना कर दिया है.
NDMC की ओर से कहा गया है कि दिल्ली में GRAP का चौथा चरण लागू किया गया है, जिसमें सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाने का प्रावधान था. इसलिए परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 31 जनवरी, 2024 तक NDMC ने पार्किंग शुल्क को दोगुना करने का फैसला किया है. यह ऑनरोड और ऑफरोड दोनों ही तरह की गाड़ियों पर लागू होगा.
Delhi Pollution: रातभर में 218 से सीधे 999 AQI... कल 8 साल की सबसे साफ दिल्ली की हवा आज फिर हुई जहरीली
NDMC के पास 91 पार्किंग स्थल
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद क्षेत्र में कुल 91 पार्किंग स्थल हैं. इनमें से 41 का प्रबंधन NDMC द्वारा ही किया जाता है, जबकि अन्य का रखरखाव दूसरी एजेंसियों को आउटसोर्स किया गया है. राजपथ और एम्स के बीच पार्किंग स्थल, जिनमें सरोजिनी नगर बाजार, खान मार्केट, लोधी रोड, आईएनए, एम्स और सफदरजंग शामिल हैं, ये NDMC क्षेत्र में आते हैं. इन साइटों पर भारी ट्रैफिक रहता है.
NDMC के एक अधिकारी ने कहा, "जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ऑफरोड और ऑनरोड पार्किंग फीस को दोगुना कर दिया गया है. 31 जनवरी, 2024 तक उन पार्किंग स्थलों का चार्ज ही बढ़ाया गया है, जिन्हें NDMC अपने कर्मचारियों के जरिए मैनेज करती है."
जम्मू के रियासी जिला अस्पताल में आतंकी हमले के बाल बच्चे भर्ती हैं. इन मासूम बच्चों को देखकर किसी का भी कलेजा फट सकता है. आतंकवादियों ने जो बर्बरता की है, उसके प्रमाण आप देख सकते हैं. श्रद्धालुओं ने जब आतंकवादी हमले की कहानी सुनाई, तो दिल दहल गया. आप उन आतंकवादियों की बर्बरता का अंदाजा नहीं लगा सकते.
महाराष्ट्र के ठाणे में ठगों ने यूपी पुलिस का अधिकारी बनकर एक कारोबारी को करीब 20 लाख रुपये का चूना लगा दिया. ठगों ने कारोबारी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी दी थी और गिरफ्तारी से बचने के लिए पैसों की मांग की थी. पैसे देने के बाद जब कारोबारी ने लखनऊ में फोन कर यूपी पुलिस थाने में जानकारी ली तो उसे पता चला कि उसके खिलाफ कोई केस ही नहीं है.