
Champions trophy Reached Pakistan: पाकिस्तान को झटका, PoK नहीं जाएगी चैम्पियंस ट्रॉफी, भारत की आपत्ति के बाद ICC का फैसला
AajTak
Champions Trophy Reached Pakistan: अगले साल पाकिस्तान की मेजबानी में चैम्पियंस ट्रॉफी होनी है. इसको लेकर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने टूर्नामेंट की ट्रॉफी को पाकिस्तान भेज दिया है. यह ट्रॉफी गुरुवार (14 नवंबर) को इस्लामाबाद पहुंच गई है. मगर इसी बीच पाकिस्तान को एक तगड़ा झटका लगा है. वो इस ट्रॉफी को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) नहीं भेज सकेंगे.
Champions Trophy Reached Pakistan: अगले साल पाकिस्तान की मेजबानी में चैम्पियंस ट्रॉफी होनी है. इसको लेकर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने टूर्नामेंट की ट्रॉफी को पाकिस्तान भेज दिया है. यह ट्रॉफी गुरुवार (14 नवंबर) को इस्लामाबाद पहुंच गई है. मगर इसी बीच पाकिस्तान को एक तगड़ा झटका लगा है. वो इस ट्रॉफी को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) नहीं भेज सकेंगे.
दरअसल, पाकिस्तान सरकार ने प्लान तैयार किया था कि वो इस ट्रॉफी को 16 से 24 नवंबर के बीच ट्रॉफी के पूरे पाकिस्तान में घुमाया जाएगा. इसे दुनिया की दूसरी सबसे ऊंटी पर्वत चोटी K2 पर भी ले जाया जाएगा.
साथ ही इसे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के तीन शहरों स्कार्दु, मुर्री और मुजफ्फराबाद में भी ले जाने का फैसला किया गया था. मगर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की आपत्ति के बाद ICC ने इस पर संज्ञान लिया है. साथ ही पाकिस्तान को यह आदेश दिया है कि यह ट्रॉफी अब PoK नहीं जाएगी.

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शुक्रवार को अपने एक साल का सफर तय कर लिया है. संयोग से इस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों के चुनाव चल रहे हैं, जिसे लेकर त्रिमूर्ति गठबंधन के तीनों प्रमुखों के बीच सियासी टसल जारी है. ऐसे में सबसे ज्यादा चुनौती एकनाथ शिंदे के साथ उन्हें बीजेपी के साथ-साथ उद्धव ठाकरे से भी अपने नेताओं को बचाए रखने की है.

नो-फ्रिल्स, जीरो कर्ज, एक ही तरह के जहाज के साथ इंडिगो आज भी खड़ी है. लेकिन नए FDTL नियमों और बढ़ते खर्च से उसकी पुरानी ताकत पर सवाल उठ रहे हैं. एयर इंडिया को टाटा ने नया जीवन दिया है, लेकिन अभी लंबी दौड़ बाकी है. स्पाइसजेट लंगड़ाती चल रही है. अकासा नया दांव लगा रही है. इसलिए भारत का आसमान जितना चमकदार दिखता है, एयरलाइन कंपनियों के लिए उतना ही खतरनाक साबित होता है.

राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनकी गरिमामय उपस्थिति के साथ राष्ट्रपति भवन में उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया. यह मुलाकात दो देशों के बीच रिश्तों की मजबूती को दर्शाने वाली थी. पुतिन ने महात्मा गांधी के आदर्शों का सम्मान करते हुए भारत की संस्कृति और इतिहास को सराहा. इस अवसर पर राजघाट की शांतिपूर्ण और पावन वायु ने सभी को प्रेरित किया.










