600 दिन बाद भी यूक्रेन कैसे टिका हुआ है रूस के सामने, किन इलाकों पर हो चुका कब्जा?
AajTak
रूस-यूक्रेन के बीच करीब 650 दिनों से लड़ाई जारी है. पहले माना जा रहा था कि छोटा देश यूक्रेन कुछ दिनों या हफ्तों में रूस के आगे घुटने टेक देगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, उल्टा वो लगातार हमलावर हो रहा है. लेकिन जिस देश की अर्थव्यवस्था से लेकर सैन्य ताकत से भी रूस से कई गुना कम है, वो आखिर कमजोर क्यों नहीं हो रहा?
यूक्रेन युद्ध के बीच कई कंस्पिरेसी थ्योरीज आती रहीं. अमेरिका लगातार दावा कर रहा है कि रूस को चीन हथियार और पैसे सप्लाई कर रहा है ताकि वो कमजोर न पड़े. ऑफिस ऑफ डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस की रिपोर्ट ये क्लेम करती है. इसमें चीन की सरकार के अलावा चीनी कंपनियों को भी घेरा गया कि वे रूस को सपोर्ट कर रहे हैं. ये तो हुआ एक पहलू.
हो सकता है कि चीन उसे मदद कर रहा हो, या नहीं भी कर रहा हो. लेकिन इतना तय है कि यूक्रेन बिना मदद इतने लंबे समय तक टिक नहीं सकता था.
दोनों देशों में कितना अंतर है? साल 2020 के आखिर में यूक्रेन की जीडीपी 155.5 बिलियन डॉलर थी. वहीं रूस की जीडीपी 1.48 ट्रिलियन डॉलर थी. एक तरह से देखा जाए तो रूस की इकनॉमी यूक्रेन से 10 गुना ज्यादा मजबूत है. स्टॉक मार्केट पर काम करने वाली कंपनी नेस्डेक के मुताबिक, जीडीपी के मामले में रूस लगातार जर्मनी, फ्रांस और इटली जैसे देशों से भी आगे रहा.
कहां से सहायता मिल रही यूक्रेन को? अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के सारे बड़े देश उसे पैसों और हथियारों की मदद दे रहे हैं. जर्मन रिसर्च संस्थान कील इंस्टीट्यूट फॉर वर्ल्ड इकनॉमी (IfW) इसपर नजर रख रही है कि कौन सा देश यूक्रेन को कितनी सहायता दे रहा है. इसके मुताबिक कुल 28 देशों ने उसे हथियारों की मदद दी. इसमें सबसे बड़ा योगदान अमेरिका का रहा.
मदद की ट्रैकिंग भी हो रही कौन सा देश यूक्रेन को क्या दे रहा है, इसपर निगाह रखने के लिए IfW ने एक ट्रैकिंग वेबसाइट बना रखी है. यूक्रेन सपोर्ट ट्रैकर नाम की इस साइट पर पैसे, हथियार, रसद और मानवीय मदद के अलग-अलग आंकड़े हैं. हालांकि जर्मन रिसर्च इंस्टीट्यूट ये भी मानता है कि असल में ये शायद ही पता लग सके कि किस देश ने यूक्रेन को कितनी मदद दी. देशों के दिए डेटा में कितनी पारदर्शिता है, इसका पता लगाना असंभव है, जब तक कि वो लीक न हो जाए.
क्या कोई देश रूस की भी मदद कर रहा है? इस बारे में खुलकर कोई भी जानकारी नहीं मिलती सिवाय अमेरिकी क्लेम्स के. अमेरिकी संस्था सेंटर फॉर एडवांस्ड डिफेंस स्टडीज का दावा है कि चीनी कंपनियां रूस को मिसाइड रडार के इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स और कई सैन्य चीजें भेजती रहीं. इसमें बुलेट प्रूफ जैकेट भी शामिल है. कयास लगता रहा कि अमेरिका से नाराज सभी देश छोटे-बड़े स्तर पर रूस की मदद कर रहे होंगे, जैसे उत्तर कोरिया, वियतनाम और क्यूबा.
पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने बधाई देते हुए कहा कि तीसरी बार पद्भार संभालने पर मोदी जी को मेरी हार्दिक बधाई. हालिया चुनावों मं आपकी पार्टी की जीत से आपके नेतृत्व में लोगों के विश्वास का पता चलता है. आइए, नफरत को उम्मीद से खत्म कर दें और दक्षिण एशिया के दो अरब लोगों के भाग्य को चमकाने के लिए इस अवसर का लाभ उठाएं.
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में आतंकवादी हमले के बाद सेना और सीआरपीएफ के जवानों ने इलाके की घेराबंदी तेज कर दी है. आतंकियों की तलाश में जंगल में घेराबंदी की जा रही है. घटना के बाद आतंकी जंगल की तरफ भागे थे. हमले में 9 लोगों की मौत हो गई और 41 लोग घायल हो गए हैं. ये हमला तब हुआ, जब तीर्थयात्रियों से भरी एक बस शिवखोड़ी मन्दिर से वैष्णो देवी मंदिर के बेस कैंप लौट रही थी.
कोलकाता में एक प्राइवेट लॉ कॉलेज की महिला टीचर ने हिजाब पहनकर आने से रोके जाने पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसको लेकर जब कॉलेज में बवाल हुआ तो प्रबंधन ने कहा कि ऐसा मिस कम्यूनिकेशन की वजह से हुआ. वहीं महिला टीचर ने कहा कि ऐसा करने से रोके जाने पर उनकी धार्मिक भावना आहत हुई हैं जिसके बाद पांच जून को उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
Apple WWDC 2024: Apple ने सोमवार की रात iOS 18, WatchOS 11 के साथ Apple Intelligence को भी पेश किया है. Apple Intelligence की मदद से कंपनी ने AI की दुनिया में एंट्री कर दी है, जिसकी मदद से यूजर्स को ढेरों नए फीचर्स देखने को मिलेंगे. इसमें यूजर्स की प्राइवेसी का भी ध्यान रखा है और यूजर्स के डेटा को स्टोर नहीं किया जाएगा.