
46 साल पहले थाईलैंड में हुए नरसंहार की बरसी पर मास शूटिंग, जानें क्या हुआ था उस दिन?
AajTak
Thailand Mass Shooting: थाईलैंड में मास शूटिंग की घटना में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हमलावर ने खुद को भी गोली मार ली है. मास शूटिंग की घटना उस दिन हुई है, जब देश में 46 साल पहले हुए नरसंहार की बरसी मनाई जा रही थी. उस नरसंहार में 40 छात्रों की मौत हो गई थी.
Thailand Mass Shooting: महज 7 करोड़ की आबादी वाला थाईलैंड एक बार फिर दहल उठा है. यहां के ना क्लांग जिले में मास शूटिंग में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं. मास शूटिंग की ये घटना चाइल्ड केयर सेंटर में हुई है.
हमलावर का नाम पान्या खामराब (Panya Khamrab) था. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पान्या खामराब एक पुलिस अधिकारी था. वो ड्रग एडिक्ट था और इस कारण उसे नौकरी से निकाल दिया गया था. हमले के बाद हमलावर ने पत्नी और बच्चों के साथ खुद को भी गोली मार ली.
थाईलैंड में ये हमला ऐसे समय हुआ है, जब देश में 1976 में हुए नरसंहार की बरसी मनाई जा रही थी. 1976 में आज ही के दिन बैंकॉक की थामासैट यूनिवर्सिटी (Thammasat University) में नरसंहार हुआ था, जिसमें 40 छात्रों को मौत के घाट उतार दिया गया था.
क्या हुआ था 1976 में?
साल 1973 में थाईलैंड में तानाशाह थानोम कित्तिकाचोर्न (Thanom Kittikachorn) को गद्दी से हटा दिया गया था. लेकिन सितंबर 1976 में थानोम दोबारा थाईलैंड की सत्ता पर काबिज हो गए.
थानोम की वापसी के विरोध में थामासैट यूनिवर्सिटी में 5 हजार से ज्यादा छात्र एकजुट हुए थे. शाम साढ़े 5 बजे के आसपास जब प्रदर्शन चल रहा था, तभी यूनिवर्सिटी परिसर में एक बम दागा जाता है और फिर गोलीबारी शुरू हो जाती है.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

भारत दौरे से ठीक पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक को दिए अपने 100 मिनट के सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, G8 और क्रिमिया को लेकर कई अहम बातें कही हैं. इंटरव्यू में पुतिन ने ना सिर्फ भारत की प्रगति की तारीफ की, बल्कि रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने का भरोसा भी जताया.

यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.







