251 साल का हुआ बिहार का पूर्णिया जिला, सोशल मीडिया पर उठी उप-राजधानी बनाने की मांग
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आज यह शहर पूरे 251 सालों का हो गया है और जिला प्रशासन इसकी वर्षगांठ मना रहा है. भारत के इतिहास में सबसे पुराने जिलों में शुमार पूर्णिया आज भी आजादी के 7 दशक के बाद विकास की बाट जोह रहा है.
साठ के दशक में शोमैन के नाम से चर्चित राजकपूर की एक फिल्म आई थी जिसका नाम था तीसरी कसम. यह फिल्म सीमांचल और बिहार के मशहूर साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी 'मारे गये गुलफाम' पर बनाई गई थी. उस वक्त इसकी कुछ शूटिंग मुंबई-कोलकाता को छोड़कर नेपाल और बांग्लादेश की सीमा पर बसे पूर्णिया शहर में हुई थी. आज यह शहर पूरे 251 सालों का हो गया है और जिला प्रशासन इसकी वर्षगांठ मना रहा है. भारत के इतिहास में सबसे पुराने जिलों में शुमार पूर्णिया आज भी आजादी के 7 दशक के बाद विकास की बाट जोह रहा है.More Related News