2024 में NDA vs INDIA... लेकिन देश में कैसे शुरू हुई गठबंधन की राजनीति? कितना कामयाब रहा ये दोस्ताना
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2024 के लोकसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम का वक्त बचा है. ऐसे में अब सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियां अपना कुनबा मजबूत करने में जुट गईं हैं. विपक्षी पार्टियों ने मिलकर I.N.D.I.A. नाम से गठबंधन बनाया है. ऐसे में जानते हैं कि गठबंधन की राजनीति भारत में कितनी कामयाब होती है? और इसकी शुरुआत कैसे हुई?
साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मुकाबला किसके बीच होगा? इसकी तस्वीर साफ हो गई है. कांग्रेस समेत 26 विपक्षी पार्टियों ने बेंगलुरु तो एनडीए की 38 पार्टियों ने दिल्ली में मंगलवार को 2024 की रणनीति पर मंथन किया.
बेंगलुरु में विपक्षी पार्टियों ने दो दिन तक मंत्रणा करने के बाद नया गठबंधन बनाया. इसका नाम रखा- I.N.D.I.A. यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस. इस गठबंधन की टैगलाइन 'जीतेगा भारत' रखी गई है.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए के 25 साल पूरे होने पर नई परिभाषा दी. उन्होंने कहा, N से न्यू इंडिया, D से डेवलपमेंट और A से एस्पिरेशन.
इससे साफ हो गया कि अगला लोकसभा चुनाव NDA बनाम I.N.D.I.A में होगा. भारतीय राजनीति में ये पहली बार होगा जब इतनी सारी पार्टियों से मिलकर बने दो गठबंधन आपस में भिड़ेंगे. हालांकि, भारत में गठबंधन की राजनीति का इतिहास आजादी के कुछ साल बाद से ही शुरू हो जाता है. और केंद्र में भी कई बार गठबंधन की सरकारें बन चुकी हैं.
कैसे शुरू हुई गठबंधन की राजनीति?
- 1982 में रोजर स्क्रटन की एक किताब आई थी- 'अ डिक्शनरी ऑफ पॉलिटिकल थॉट'. इस किताब में गठबंधन की परिभाषा दी गई थी. इसके मुताबिक, अलग-अलग पार्टियों या राजनीतिक पहचान रखने वाले प्रमुख व्यक्तियों का आपसी समझौता गठबंधन कहलाता है.
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