‘2024 में ममता बनर्जी को कमतर आंकना भूल साबित होगी’
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जयंत घोषाल अपनी नई किताब 'ममता बियॉन्ड 2021' (हार्पर कॉलिन्स इंडिया) में कहते हैं कि ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर को काम पर रखा, जो कॉरपोरेट उत्साह के साथ चुनाव अभियान चलाने के लिए जाने जाते हैं. ममता बनर्जी की नजर अब दिल्ली की गद्दी पर है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज हुईं ममता बनर्जी की नजर अब दिल्ली के सिंहासन पर है. ममता बनर्जी बंगाल के अपने दुर्ग को दुरुस्त करने के बाद अपनी पार्टी टीएमसी का बंगाल से बाहर राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने में जुटी हैं ताकि 2024 में मजबूती के साथ अपनी दावेदारी पेश कर सकें. इस मिशन के तहत ममता इन दिनों अलग-अलग राज्यों में रैलियां करके मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर रही हैं.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब चार जून को चुनावी नतीजे आ रहे थे, मैं काम में व्यस्त था. फोन कॉल आना शुरू हो गए थे. मैंने किसी से पूछा कि आंकड़े तो ठीक है लेकिन मुझे ये बताओ कि ईवीएम जिंदा है या मर गया. क्योंकि ये लोग (विपक्ष) तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र और देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास ही उठ जाए और लगातार ये लोग ईवीएम को गाली दे रहे थे. मुझे तो लग रहा था कि इस बार ईवीएम की अर्थी लेकर जुलूस निकालेंगे.