
19 राज्यों में सिंडिकेट, 127 शेल कंपनियां... GST विभाग ने पकड़ा करोड़ों का घोटाला
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फर्जीवाड़े को पकड़ने के लिए काफी प्लानिंग के साथ काम किया गया था. जीएसटी की टीम ने इसके लिए बाजार की बारीकी से निगरानी की. पूरे सिंडिकेट का खुलासा करने के लिए डेटा विश्लेषण कर परत दर परत फर्जीवाड़े के खिलाफ एक्शन लिया गया. कोलकाता इकाई के डीजीजीआई ने बताया कि इस घोटाले के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया गया है.
जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की कोलकाता जोनल यूनिट ने 19 राज्यों में सिंडिकेट चलाने में संलिप्तता के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है.
अधिकारियों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान कुल 127 शेल कंपनियां बनाई गईं और लगभग 126.9 करोड़ रुपये का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पारित किया गया.
इस फर्जीवाड़े को पकड़ने के लिए काफी प्लानिंग के साथ काम किया गया था. जीएसटी की टीम ने इसके लिए बाजार की बारीकी से निगरानी की. पूरे सिंडिकेट का खुलासा करने के लिए डेटा विश्लेषण कर परत दर परत फर्जीवाड़े के खिलाफ एक्शन लिया गया. कोलकाता इकाई के डीजीजीआई ने बताया कि इस घोटाले के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया गया है.
डीजीजीआई ने बताया कि जांच से पता चला कि आरोपियों ने फर्जी कंपनियां बनाईं और मामूली कीमत पर व्यक्तियों से आधार कार्ड, पैन कार्ड और तस्वीरें खरीदकर फर्जी संस्थाओं के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराया. गिरफ्तारी के बाद जब आरोपियों को शहर की अदालत में पेश किया गया तो उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के नोएडा में जुलाई की शुरुआत में भी सामने आया था. इस दौरान फर्जी पैन और आधार कार्ड के जरिये फर्म तैयार कर जीएसटी की हेरफेर करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ था. इन्हें सेक्टर-20 थाना पुलिस ने पकड़ा था. मामला बुलंदशहर के रहने वाले एक मजदूर देवेंद्र ने दर्ज करवाया था.
देवेंद्र ने बताया था कि वह मजदूरी करके दिन के महज 300 रुपये कमा पाता है. उसी से उसके परिवार की आजीविका चलती है. एक दिन अचानक से उसे गाजियाबाद जीएसटी विभाग का डाक के द्वारा एक नोटिस मिला. नोटिस देखते ही उसके होश उड़ गए. नोटिस में लिखा था कि उसकी फर्म के 2022-23 का टर्न ओवर 1.36 करोड़ रुपये है, जिसका जीएसटी बकाया 24 लाख 61 हजार रुपये है. देवेंद्र ने इसे लेकर बुलंदशहर थाने में मामला दर्ज करवाया.

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