
हिंदी पत्रकारिता दिवस: कब, कहां और कैसे हुआ था हिंदी पत्रकारिता का उदय
Zee News
195 साल पहले हिंदी पत्रकारिता का अखबार उंदत मार्तण्ड कलकत्ता से आज ही के दिन प्रकाशित हुआ था आइए जानें इसका इतिहास
नई दिल्ली: आज हिंदी पत्रकारिता दिवस है. आज से 195 साल पहले 30 मई, 1826 को कलकत्ता(कोलकाता) में 'उदंत मार्तण्ड' नामक साप्ताहिक अखबार की शुरुआत हुई. कानपुर से कलकत्ता में सक्रिय वकील पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने इस अखबार की नींव रखी. वो हिंदुस्तानियों के हित में उनकी भाषा में अखबार निकालना चाहते थे. 79 अंक ही हो सके प्रकाशित उदंत मार्तंड का अर्थ होता है उगता सूरज. हिंदी पत्रकारिता का सूरज पहली बार कलकत्ता के बड़ा बाजार के करीब 37, अमर तल्ला लेन, कोलूटोला में उदित हुआ था. यह अखबार पाठकों तक हर मंगलवार पहुंचता था. इसकी शुरुआत 500 प्रतियों के साथ हुई थी.
Navy Day 2025: भारत की सेनाएं मिलकर देश की सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभती हैं. हर साल देश में सेनाओं के हौसले बढ़ाने के लिए दिवस मनाए जाते हैं. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस को मनाया जाता है. इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाने के लिए आज से ही कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है.

Indian Navy History: भारत में समुद्री सीमाओं की सुरक्षा में नेवी बड़ी भूमिका निभाती है. आज के समय में भारतीय नौसेना दुनिया की सबसे ताकतवर नौसेनाओं में से एक है. देश की सुरक्षा में आज कत कई ऐसे मिशन हुए हैं, जिनमें इंडियन नेवी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंडियन नेवी की स्थापना कब हुई थी?

Three new military bases: सिलिगुड़ी कॉरिडोर जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है. अब पूरी तरह एक मजबूत रणनीतिक किले में बदलने जा रहा है. सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा यह इलाका उत्तर-पूर्वी भारत को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है. इसलिए इसकी सुरक्षा भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसी वजह से यहां तीन नए सैन्य स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं. जो भारत की रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत हैं.

Indigenous Wamana AUV: पुणे की स्टार्टअप कंपनी सागर डिफेंस इंजीनियरिंग ने बड़ी जानकारी दी है. स्वदेशी वामना ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) भारतीय नौसेना के सभी ट्रायल सफलतापूर्वक पास कर चुका है. कंपनी के फाउंडर कैप्टन निखिल पराशर ने बताया कि वामना का मूल्यांकन पूरा हो गया है. आने वाले महीनों में इसे नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.









