
हाय गर्मी!!! रोटी, नौकरी और मकान, सब छीन लेगा बढ़ता हुआ तापमान
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Heatwave in India: देश के कई राज्यों में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है. मौसम विभाग का कहना है कि 15 जून के बाद जब मॉनसून रफ्तार पकड़ेगा, तब गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है. क्या अब बढ़ती गर्मी 'न्यू नॉर्मल' बनती जा रही है? जानें कैसे बढ़ता तापमान हम पर असर डाल रहा है.
Heatwave in India: भारत में भीषण गर्मी हर साल रिकॉर्ड तोड़ रही है. लेकिन गर्मी का ये भीषण तांडव आने वालों वर्षों में किस तरह का संकट लेकर आ रहा है इसका अंदाजा अभी शायद किसी को नहीं है. सच्चाई ये है कि जब हालात बेकाबू होंगे तो इसका नतीजा होगा करोड़ों नौकरियों का खत्म हो जाना, अनाज का संकट और सबसे बड़ी बात धरती के इस हिस्से में रहना नामुमकिन सा हो जाएगा.
भारत के लिए ये परिस्थितियां किसी आपदा से कम नहीं होंगी. इस संकट को गहराई से समझने के लिए हाल के वर्षों में बढ़ी गर्मी के आंकड़ों को भी जानना जरूरी है. राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश...यहां के कम से कम 37 शहर और इलाके ऐसे हैं जहां तापमान बुधवार को 44 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया. राजधानी दिल्ली में भी तापमान 44 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है. उत्तराखंड के हरिद्वार में गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. यहां तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस है.
जब तापमान मैदानी इलाकों में 40 डिग्री, तटीय इलाकों में 37 डिग्री और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री को पार कर जाता है, तो मौसम विभाग हीट वेव की घोषणा कर देता है. इसी तरह अलग-अलग जगहों पर एक सामान्य तापमान होता है. जब किसी जगह पर सामान्य से 4.5 से लेकर 6.4 डिग्री ज्यादा रहता है तो भी हीट वेव की घोषणा कर दी जाती है.
अब गर्मी इतनी बढ़ रही है कि हीटवेव के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. सेंटर फॉर साइंस एड एनवायरमेंट (CSE) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल पिछले साल की तुलना में चार गुना ज्यादा हीट वेव चली है.
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लगातार जान ले रही हीट वेव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.

श्रीनगर इन दिनों एक ब्लैक बियर से परेशान है. कभी NIT कैंपस, कभी कश्मीर यूनिवर्सिटी, तो कभी SKIMS... अब यह भालू निगीन झील के आसपास घूमता दिखा है. विभाग ने शहरभर में बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू किया है, जिसमें ड्रोन, ट्रैंक्विलाइजर गन, रैपिड-रिस्पॉन्स टीमें और एंबुलेंस तैनात हैं. अधिकारियों ने कहा है कि बाहर केवल जरूरत होने पर ही निकलें.






