
हांगकांग अग्निकांड से हम क्या सीख सकते हैं? हाई राइज बिल्डिंग्स पर एक्सपर्ट्स के क्या सुझाव हैं
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हांगकांग की इमारत में लगी आग ने पुरी दुनिया के लोगों को हिलाकर रख दिया. खासतौर पर वो लोग जो हाइराइज इमारतों में रहते हैं उनके लिए ये बड़ा सबक है कि हम खुद को कैसे ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखें
हांगकांग, वह शहर जहां की चमचमाती इमारतें आसमान से बातें करती हैं, जिसकी खूबसूरती देखने दुनिया भर से लोग आते हैं. आज उसी शहर पर मातम का गहरा साया है. ताई पो जिले के वांग फुक कोर्ट हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में बुधवार को लगी आग ने इस शहर को हिलाकर रख दिया है.
सड़कों पर अब लोगों का शोर नहीं, बल्कि एंबुलेंस के सायरन की चीख है. हर तरफ धुएं का गुबार और एक अजीब सी खामोशी पसरी है, जो दिल को चीरकर रख देती है. सालों से तिनका-तिनका जोड़कर जिस इमारत को लोगों ने अपना 'घर' बनाया था, वह उनकी जीती-जागती चिता बन गई.
हादसे के चंद मिनट पहले इन ऊंची इमारतों के भीतर, लोग हंसते-खिलखिलाते अपने भविष्य की प्लानिंग कर रहे होंगे, लेकिन तभी उनकी आवाजें दर्दनाक चीखों में बदल गईं. वो चीखें जो आग की भयानक गर्मी में दफ्न हो गईं. लोग अपनी एक-एक सांस के लिए तड़पते रहे और दम तोड़ गए. 100 से अधिक जिदगियां उस धुएं में हमेशा के लिए खो गईं, और जो लोग बच पाए वो अब अस्पतालों में हैं, उनकी आंखों में जिदगी भर का ऐसा जख्म है, जिसे समय भी शायद न भर पाए.
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हांगकांग की आग से दुनिया भर में दहशत
इस जलती हुई, कालिख पुती इमारत की तस्वीर दुनिया के जिस कोने में भी पहुंची, उसने लोगों को भीतर तक दहला दिया. हांगकांग की इस त्रासदी ने केवल ईंटों और कंक्रीट को नहीं जलाया है, बल्कि इसने दुनिया भर के लोगों को असुरक्षा और गहरी निराशा की जलन महसूस कराई है. यह खतरा हर वो शख्स महसूस कर रहा है जो ऐसी इमारतों में रहता है.

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