
'हट्ट... चुप्प...' हेडमास्टर के कपड़ों पर चिल्लाने वाले IAS का नया वीडियो
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कपड़ों की वजह से हेडमास्टर पर गुस्सा होने वाले डीएम संजय कुमार सिंह ने वायरल वीडियो पर सफाई दी है. उन्होंने माना है कि वह हेडमास्टर पर गुस्सा हो गए थे. डीएम ने कहा कि उन्हें कुर्ते पजामे से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन हेडमास्टर ने कुर्ते के 2 बटन खोल रखे थे और गमछा भी रखा था.
बिहार के लखीसराय जिले के डीएम और IAS संजय कुमार सिंह ने अपने विवादित वीडियो पर सफाई देने के लिए एक नया वीडियो जारी किया है. बता दें कि कपड़ों की वजह से हेडमास्टर को कैमरे के सामने बुरी तरह डांटने वाले डीएम की पिछले कुछ दिनों से काफी आलोचना हो रही है. असल में IAS संजय कुमार लखीसराय के कन्या प्राथमिक विद्यालय बालगुदर में जांच के लिए गए थे और प्रिंसिपल निर्भय कुमार सिंह को कुर्ते-पायजामे में देखकर भड़क गए. डीएम टीवी कैमरे के सामने ही प्रिंसिपल को सस्पेंड करने और वेतन रोकने का आदेश देने लगे.
IAS संजय कुमार सिंह ने प्रिंसिपल के कुर्ते-पायजामे में होने की वजह से कहा था कि वे नेता लग रहे हैं, टीचर बिल्कुल नहीं लग रहे हैं. इन कपड़ों में उन्हें स्कूल नहीं आना चाहिए. डीएम ने प्रिंसिपल को सस्पेंड करने की बात भी कह दी.
अब डीएम और IAS संजय कुमार सिंह ने ट्विटर अकाउंट @collectorlak (Dist Admn Lakhisarai) से एक वीडियो जारी किया है. वीडियो में संजय कुमार सिंह यह स्वीकार करते हैं वे प्रिंसिपल पर भड़क गए थे, लेकिन फिर कहते हैं कि असल में उन्हें कुर्ते-पायजामे से दिक्कत नहीं थी.
हेडमास्टर से IAS संजय कुमार सिंह के व्यवहार की कई सीनियर अफसरों ने भी आलोचना की थी. ट्विटर पर कई IAS-IPS अफसरों ने लिखा था कि उनका बर्ताव एक अफसर जैसा नहीं था. कई अधिकारियों ने संजय कुमार सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
वीडियो में डीएम कहते हैं- 'मुझे कुर्ता पजामा से कोई विरोध नहीं है. लेकिन जिस ढंग से उन्होंने पहना था, कुर्ते के 2 बटन खुले थे. उन्होंने गमछा भी इस तरह रखा था जो आदर्श स्थापित नहीं कर रहा था. उनकी वेशभूषा ऐसी नहीं थी कि बच्चों के बीच आदर्श शिक्षक की तरह लगे. ऐसे वे फ्री टाइम में कुछ भी पहनने को स्वतंत्र हैं. लेकिन जब स्कूल में आए तो पहनावे पर जरूर गौर करें. अन्यथा स्कूल में शिक्षण कार्य के लिए न आएं. दर्शकों की संवेदनशीलता की कद्र करता हूं, लेकिन वे छोटा सा क्लिप न देखें, पूरा देखेंगे तो सही स्थिति का अंदाजा हो जाएगा.'
वहीं, संजय कुमार सिंह कहते हैं कि स्कूल में उन्होंने काफी अव्यवस्था देखी थी. सिर्फ प्रिंसिपल के कमरे में फैन लगे थे, जबकि क्लासरूम में बच्चों के लिए फैन नहीं लगे थे. लाइट्स भी नहीं थी. प्रिसिंपल पढ़ाने को लेकर तत्पर भी नजर नहीं आ रहे थे.

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