
'सीरिया में तुरंत रोकें हिंसा...', UN एजेंसी ने सभी पक्षों से शांति कायम करने की अपील की
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संयुक्त राष्ट्र OCHA ने सीरिया में बढ़ती हिंसा पर चिंता जताते हुए सभी पक्षों से इसे तत्काल रोकने की अपील की है. हिंसा के कारण मानवाधिकारों का उल्लंघन होने और मानवीय अभियान बाधित होने की घटनाओं को देखते हुए यह अपील जारी की गई है.
संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय (OCHA) ने सीरिया में सभी संबंधित पक्षों से हिंसा को तत्काल रोकने की अपील की है. यह अपील नागरिकों, नागरिक बुनियादी ढांचे और मानवीय अभियानों की सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का पालन करने के नजरिए से की गई है.
सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर एडम अब्देलमुला और सीरिया संकट के लिए क्षेत्रीय मामलों के जानकार रमनाथन बालाकृष्णन ने एक संयुक्त बयान में इस अपील को जारी की.
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टार्टस और लताकिया प्रांत में हुई हिंसा
बयान के मुताबिक, हाल ही में पश्चिमी सीरिया के क्षेत्र, विशेष रूप से टार्टस और लताकिया प्रांत में हिंसा देखी गई है. इसके चलते मानवीय अभियानों पर बुरा प्रभाव पड़ा है और सीरियाई तटीय क्षेत्रों में मदद भेजने पर भी रोक लगा दी गई है.
16 सुरक्षा कर्मियों की मौत हुई

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के 'वर्ल्ड एक्सक्लूसिव' इंटरव्यू में दुनिया के बदलते समीकरणों और भारत के साथ मजबूत संबंधों के भविष्य पर खुलकर बात की. पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी किसी के दबाव में काम नहीं करते. उन्होंने भारत को विश्व विकास की आधारशिला बताया और स्पेस, न्यूक्लियर तकनीक समेत रक्षा और AI में साझेदारी पर जोर दिया.

पुतिन ने कहा कि अफगानिस्तान की सरकार ने बहुत कुछ किया है. और अब वो आतंकियों और उनके संगठनों को चिह्नि्त कर रहे हैं. उदाहरण के तौर पर इस्लामिक स्टेट और इसी तरह के कई संगठनों को उन्होंने अलग-थलग किया है. अफगानिस्तान के नेतृत्व ने ड्रग्स नेटवर्क पर भी कार्रवाई की है. और वो इस पर और सख्ती करने वाले हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि वहां जो होता है उसका असर होता है.

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यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन का आजतक से ये खास इंटरव्यू इसलिए अहम हो जाता है क्योंकि इसमें पहली बार रूस ने ट्रंप की शांति कोशिशों को इतनी मजबूती से स्वीकारा है. पुतिन ने संकेत दिया कि मानवीय नुकसान, राजनीतिक दबाव और आर्थिक हित, ये तीनों वजहें अमेरिका को हल तलाशने पर मजबूर कर रही हैं. हालांकि बड़ी प्रगति पर अभी भी पर्दा है, लेकिन वार्ताओं ने एक संभावित नई शुरुआत की उम्मीद जरूर जगाई है.

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