सिख विरोधी दंगा: जगदीश टाइटलर की अग्रिम जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई
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टाइटलर ने आगे कहा कि गवाहों के बयान, जिसके आधार पर उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था, बदल गया है और इसलिए उनके रुख में यह बदलाव ही उनके लिए यह राहत पाने का आधार है. टाइटलर ने आगे कहा कि कई क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के बाद सीबीआई ने अचानक अपना रुख बदल लिया है.
1984 दिल्ली के पुल बंगश इलाके में सिख दंगे से जुड़े मामले में आरोपी जगदीश टाइटलर ने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने टाइटलर की अर्ज़ी पर CBI को नोटिस जारी किया है. राउज एवेन्यू कोर्ट में मामले में बुधवार सुबह 10 बजे सुनवाई होगी.
कोर्ट ने पिछले हफ्ते सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में उनके खिलाफ दायर सीबीआई की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए उन्हें समन जारी किया था.
टाइटलर ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में आरोप लगाया है कि जांच एजेंसी के रुख में बदलाव आया है. टाइटलर का कहना है कि वह 78 साल के हैं और उन्हें अग्रिम जमानत देते समय उनकी उम्र को ध्यान में रखा जाना चाहिए.
टाइटलर ने आगे कहा कि गवाहों के बयान, जिसके आधार पर उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था, बदल गया है और इसलिए उनके रुख में यह बदलाव ही उनके लिए यह राहत पाने का आधार है. टाइटलर ने आगे कहा कि कई क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के बाद सीबीआई ने अचानक अपना रुख बदल लिया है.
टाइटलर को पहले मिली थी क्लीन चिट सीबीआई ने 1984 के सिख दंगे मामले में 20 मई को टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. टाइटलर पर सिख विरोधी दंगे फैलाने का आरोप है. एक बार इसी मामले में सीबीआई 2009 के आम चुनाव से पहले टाइटलर को क्लीन चिट भी दे चुकी है लेकिन भारी जन दबाव के बीच कांग्रेस पार्टी ने 2009 के आम चुनावों में उनसे पार्टी का टिकट यानी उम्मीदवारी वापस ले ली.
दंगों में नाम आने के बावजूद टाइटलर कई बार केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. वे कांग्रेस के शासनकाल में अप्रवासी मामलों के राज्यमंत्री रहे हैं. सिख दंगों में शामिल होने के सबूत मिलने के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. हालांकि वो दंगों में अपनी भूमिका से इनकार करते रहे हैं लेकिन अब सीबीआई पुख्ता सबूतों के साथ एक बार फिर अदालत में है.
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