
सिंगापुर में खोला गया 200 साल पुराना हिंदू मंदिर, भारतीय प्रवासियों ने डाली थी नींव
AajTak
सिंगापुर की सबसे पुरानी हिंदू मंदिर का जीर्णोद्धार कर उसे दोबारा भक्तों के लिए खोल दिया गया है. रविवार तड़के मंदिर को खोला गया. भारी बारिश के बावजूद करीब 20 हजार भक्त मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल हुए. यह मंदिर मरिअम्मन देवता का है.
सिंगापुर में प्रवासी भारतीयों द्वारा बनाए गए 200 साल पुराने मंदिर को जीर्णोद्धार के बाद दोबारा खोल दिया गया है जिसे लेकर वहां रहने वाले भारतीयों में खुशी का माहौल है. रविवार को सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने सिंगापुर के सबसे पुराने हिंदू मंदिर को लोगों के लिए खोल दिया. इस मौके पर आयोजित समारोह में 20, 000 लोगों ने हिस्सा लिया. सिंगापुर में रविवार सुबह तेज बारिश हो रही थी लेकिन बारिश लोगों के उत्साह पर पानी नहीं फेर पाई और हजारों की संख्या में लोग मंदिर के दर्शन के लिए उमड़ पड़े. इनमें बड़ी संख्या दक्षिण भारत के श्रमिकों की थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 200 साल पुराने भगवान मरिअम्मन मंदिर के जीर्णोद्धार में 26 लाख रुपये खर्च किए गए. मंदिर को दोबारा जीवंत रूप देने में भारत के 12 विशेषज्ञ मूर्तिकार और सात धातु और लकड़ी के कारीगर शामिल थे. इन कारीगरों ने मंदिर के गर्भगृह, गुंबदों और छत के भित्तिचित्रों पर सुंदर कारीगरी की. हालांकि, इस दौरान मंदिर के मूल रंग और उसकी संरचना से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई.
मंदिर के जीर्णोद्धार का नेतृत्व मुख्य मूर्तिकार डॉ के दक्षिणमूर्ति ने किया. दक्षिणमूर्ति तमिलनाडु के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ दान के सलाहकार भी हैं.
वोंग ने मंदिर खोले जाने को लेकर रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'बहुसांस्कृतिक सिंगापुर की एक झलक, जहां के लोग एक-दूसरे के सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सवों का जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं. सुबह की बारिश भी श्री मरिअम्मन मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल होने आए करीब 20,000 लोगों का उत्साह कम नहीं कर पाई. समारोह में हिस्सा लेकर खुशी हुई.'
वोंग रविवार तड़के समारोह में संचार और सूचना मंत्री जोसफीन टिओ, परिवहन मंत्री एस ईश्वरन और सांसद मुरली पिल्लई के साथ शामिल हुए थे.
समारोह को लेकर सिंगापुर के संचार और सूचना मंत्री जोसफीन टिओ ने कहा, 'यह समारोह स्पष्ट रूप से बहुनस्लीय, बहुसांस्कृतिक और बहु-धार्मिक सद्भाव को प्रदर्शित करता है जिसे हम बनाए रखने में सक्षम हैं, और हमें इसे बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए. मंदिर स्थानीय समुदाय का अभिन्न अंग बन गया है.'

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.

कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







