सरकार चाहती है फोन से हटाए जाएं प्री लोडेड ऐप्स! चीन भेजा जाता है डेटा?
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स्मार्टफोन में पहले से कई सारे ऐप्स इंस्टॉल्ड होते हैं. इनमें से केई ऐप्स हटाए जा सकते हैं, लेकिन कुछ ऐप्स ऐसे भी होते हैं जिन्हें आप चाह कर भी नहीं हटा सकते. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार कुछ ऐसा प्लान बना रही है जिसके बाद कंपनियों को अपने स्मार्टफोन में प्री लोडेड ऐप्स देने की इजाजत नहीं मिलेगी.
स्मार्टफोन खरीदने के बाद आपने नोटिस किया होगा कि उसमें पहले से ही कई ऐप्स रहते हैं. दरअसल स्मार्टफोन कंपनियां उन ऐप्स से पैसे लेती हैं ताकि फोन में उन्हें पहले से ही रखा जा सके. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ऐसा प्लान पर काम कर रही है जिससे कंपनियों के लिए फोन में प्री लोडेड ऐप्स रखना मुश्किल हो जाएगा.
हालांकि सरकार की तरफ से अब तक ये ऑफिशियल नहीं है. लेकिन आने वाले समय में अगर ऐसा हुआ तो फोन की कीमतें जरूर बढ़ जाएंगी. पहली बात तो ये है कि कंपनियां बिना ब्लोटवेयर के फोन बेचने के पक्ष में नहीं होंगी. क्योंकि फोन की कॉस्ट का एक बड़ा हिस्सा उन ऐप्स की तरफ से भी आता है.
उदाहरण के तौर पर गूगल ऐपल के आईफोन में डिफॉल्ट सर्च इंजन बने रहने के लिए अरबों रुपये देता है. इसी तरह दूसरे ऐप्स भी अलग अलग कंपनियों के साथ पार्टनर्शिप करते हैं जिसके तहत वो काफी पैसे देते हैं. अगर सरकार ऐसा कदम उठाती है कि फोन में प्री लोडेड ऐप्स मिले हीं ना, तो ऐसे में कंपनियों को मुश्किल हो सकती है.
एक दूसरी रिपोर्ट में ये भी कहा जा रहा है कि प्री लोडेड ऐप्स तो मिलेंगे, लेकिन यूजर को उसे डिलीट करने की आजादी होगी. फिलहाल फोन में ज्यादातर ऐप्स तो हटाए जा सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी ऐप्स होते हैं जिन्हें फोन से डिलीट करना यूजर्स के लिए नामुमकिन होता है.
फोन में प्री लोडेड ऐप्स के नुकसान भी हैं. क्योंकि वो ऐप्स यूजर की परमिशन के बिना ही फोन में डाले गए होते हैं, इसलिए उन्हें पहले से ही फोन का बेसिक ऐक्सेस मिला होता है. इसलिए डेटा स्टार्ट होने पर वो ऐप्स यूजर का डेटा कलेक्ट करते हैं.
अब चुकी वो ऐप्स काफी हद तक बिना यूजर के परमिशन के ही डेटा कलेक्ट कर रहे हैं ऐसे में मुमिकन है कि वो डेटा कहीं और भेजा जा सके. भारतीय मार्केट में चीनी कंपनियों का दबदबा है और ये कंपनियां कई बार डेटा चोरी को लेकर सवालों के घेरे में आ चुकी हैं.
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