
सरकार की आलोचना की तो होगा एक्शन... महाराष्ट्र में सरकारी कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया यूज को लेकर नया फरमान
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नए नियमों के मुताबिक सोशल मीडिया के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर कोई सरकारी कर्मचारी सेवा नियमों का उल्लंघन करता है या सरकारी नीतियों तथा किसी राजनीतिक घटना या व्यक्ति के बारे में सोशल मीडिया पर नकारात्मक टिप्पणी करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.
महाराष्ट्र सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए गवर्नमेंट रेजोल्यूशन (GR) के तहत अब अगर कोई सरकारी कर्मचारी सरकार की आलोचना करता है या नीतियों पर नकारात्मक टिप्पणी करता है, तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है.
ये कदम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, X, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और यूट्यूब के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए उठाया गया है. सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है सोशल मीडिया एक प्रभावी संचार माध्यम जरूर है, लेकिन इसका दुरुपयोग गोपनीय जानकारी लीक करने, गलत सूचना फैलाने और राजनीतिक टिप्पणियां पोस्ट करने के लिए तेज़ी से हो रहा है, जो मौजूदा सरकारी सेवा नियमों का उल्लंघन है.
नए नियमों के मुताबिक सोशल मीडिया के दुरुपयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर कोई सरकारी कर्मचारी सेवा नियमों का उल्लंघन करता है या सरकारी नीतियों तथा किसी राजनीतिक घटना या व्यक्ति के बारे में सोशल मीडिया पर नकारात्मक टिप्पणी करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. ऐसे मामलों में महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1979 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. ये नियम सभी सरकारी कर्मचारियों पर लागू होते हैं, जिनमें प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारी, संविदा कर्मचारी, स्थानीय शासी निकाय, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और सरकार से संबद्ध संस्थानों के कर्मचारी शामिल हैं.
क्या हैं नए दिशा-निर्देश?
- पर्सनल और ऑफिशियल अकाउंट्स अलग-अलग रखें: कर्मचारियों को निजी और सरकारी उपयोग के लिए अलग-अलग सोशल मीडिया अकाउंट रखने होंगे.
- प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म का उपयोग वर्जित: किसी भी प्रतिबंधित वेबसाइट या एप्लिकेशन का इस्तेमाल पूरी तरह से निषिद्ध है.

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