
समय पर पेमेंट ना मिलने से घाटा, थाली में कटौती, तकनीकी समस्या... महाराष्ट्र सरकार की 'शिव भोजन योजना' का रियलिटी चेक
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महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2020 में शुरू की गई शिव भोजन थाली योजना का मकसद गरीबों और जरूरतमंदों को किफायती भोजन उपलब्ध कराना है. इस योजना के तहत ₹10 की सब्सिडी दर पर दो चपाती, सब्जियां, चावल और दाल से बनी पूरी भोजन थाली दी जाती है.
पिछले दिनों महाराष्ट्र (Maharashtra) से खबर आई कि राज्य की फाइनेंशियल समस्याओं को कम करने की कोशिश में राज्य सरकार दो प्रमुख योजनाओं को बंद कर सकती है. इसमें शिव भोजन थाली और आनंदाचा शिधा योजना शामिल है. लेकिन इससे पहले यह जानना जरूरी है कि इन योजना की जमीनी हकीकत क्या है. आजतक ने महाराष्ट्र की इन लोकप्रिय योजनाओं का रियलिटी चेक किया है. बता दें कि ये योजनाएं एमवीए शासन के दौरान शुरू हुई थीं.
रियलिटी चेक में पता चला है कि कई इलाकों में पहले संचालकों ने कई समस्याओं की वजह से योजनाएं बंद कर दी हैं. सरकार योजना केंद्र चलाने वालों को समय से बिल नहीं चुका रही है. जीएसटी, बिल्स पर टीडीएस के कारण केंद्र के ऑपरेटरों को घाटा हो रहा है. सीसीटीवी, फायर एनओसी, ऐप में तकनीकी समस्याएं सामने आ रही हैं. और बिल पास करने के लिए सरकारी अधिकारियों से 5,000 रुपये की रिश्वत (कमीशन) मांगी जा रही है.
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2020 में शुरू की गई शिव भोजन थाली योजना का मकसद गरीबों और जरूरतमंदों को किफायती भोजन उपलब्ध कराना है. इस योजना के तहत ₹10 की सब्सिडी दर पर दो चपाती, सब्जियां, चावल और दाल से बनी पूरी भोजन थाली दी जाती है.
'थाली में कटौती...'
मुंबई के माहिम में रहने वाले शरद पवार 'शिव भोजन थाली योजना' के संचालक थे, जिसको अब उन्होंने बंद कर दिया है. वे कहते हैं, "सरकार ने यह स्कीम कोविड के दौरान शुरू किया था, जिसके तहत गरीब जनता को दस रुपए में खाना मिलता था. इसके तहत एक सब्जी, तीन चपाती, दाल, चावल और सलाद दिया जाता था. यह खाना हर रोज तीन सौ लोगों को दिया जाता था."

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