
'सत्ता से चिपकी रहती तो नरसंहार हो जाता...', शेख हसीना का संबोधन, यूनुस को बताया हिंदुओं पर हमले का मास्टरमाइंड
AajTak
शेख हसीना ने न्यूयॉर्क में अवामी लीग के कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि मैं खूनखराबा नहीं चाहती थी. अगर मैं सत्ता में बनी रहती और इस्तीफा नहीं देती तो देश में नरसंहार हो जाता. जब लोगों को मारा जा रहा था तो मैंने देश छोड़ने का फैसला कर लिया.
बांग्लादेश इस समय हिंसा की आग में जल रहा है. बीते पांच अगस्त को मुल्क में हुए तख्तापलट के बाद से शेख हसीना भारत में हैं. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों और बांग्लादेश छोड़ने को लेकर बड़ा बयान दिया है.
शेख हसीना ने न्यूयॉर्क में अवामी लीग के कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि मैं खूनखराबा नहीं चाहती थी. अगर मैं सत्ता में बनी रहती और इस्तीफा नहीं देती तो देश में नरसंहार हो जाता. जब लोगों को मारा जा रहा था तो मैंने देश छोड़ने का फैसला कर लिया.
उन्होंने कहा कि मुझे सत्ता की जरूरत नहीं है. हथियारबंद लोग गणभवन में घुस आए थे. मेरे पिता और राष्ट्रपिता बंगबंधु की तरह मेरी हत्या की भी योजना थी. मैंने सिक्योरिटी को बोल दिया था कि वे फायरिंग नहीं करे. अगर फायरिंग होती को गणभवन में बहुत लोग मारे जाते, मैं ये नहीं चाहती थी.
शेख हसीना ने कहा कि आज, टीचर्स, पुलिस, नेतां सभी पर हमले किए जा रहे हैं. हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों को निशाना बनाया जा रहा है. 11 चर्च और कई मंदिरों पर हमले किए गए हैं. इस्कॉन पर हमला किया गया. सवाल ये है कि अब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले क्यों किए जा रहे हैं?
मास्टरमाइंड हैं मोहम्मद यूनुस!
शेख हसीना ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेष रूप से हिंदुओं पर हमले और उनकी हत्या के लिए मोहम्मद यूनुस को मास्टरमाइंड बताया है. उन्होंने कहा कि आज, मैं मास किलिंग की आरोपी हूं. असल में मोहम्मद यूनुस एक तय योजना तहत सामूहिक नरसंहार में शामिल हैं. ये मास्टरमाइंड हैं. यहां तक कि बीएनपी नेता और खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान ने लंदन में कहा था कि अगर देश में इसी तरह मौतें होती रही तो सरकार नहीं चलेगी.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







