सड़कों पर लौटेगा Ambassador का रुतबा, नए अवतार में होगी लॉन्च!
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हिंदुस्तान मोटर्स की एंबेसडर 1970 के दशक तक भारत की सड़कों पर राज किया करती थी. बाद में मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों की सस्ती गाड़ियां आने से मार्केट में इसकी डिमांड कम होने लगी. अंत में 2014 में कंपनी ने इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया.
इंडिया में पॉवर और पॉलिटिक्स की निशानी मानी जाने वाली Ambassador Car बहुत जल्द वापसी करने जा रही है. यानी सड़कों पर इसकी शान और रुतबा दोबारा दिखाई देगा, लेकिन इस बार ये कार एकदम नए अवतार में और फ्यूचर के हिसाब से तैयार होकर लॉन्च होगी.
यूरोपीय कार कंपनी के साथ हुई डील एंबेसडर बनाने वाली हिंदुस्तान मोटर्स (Hindustan Motors) ने यूरोप की एक ऑटोमोबाइल कंपनी के साथ एमओयू साइन किया है. अभी यूरोपीय पार्टनर के नाम का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि ये डील Peugeot के साथ हुई है. इस एमओयू के हिसाब से दोनों कंपनियां मिलकर फिर से एक बार कंपनी के उत्तरपारा प्लांट में कार और स्कूटर की मैन्यूफैक्चरिंग शुरू करेंगी.
Ambassador बनेगी Amby इस बार एंबेसडर इलेक्ट्रिक अवतार में लौटेगी, लेकिन इससे पहले कंपनी इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स बनाना शुरू करेगी. हिंदुस्तान मोटर्स के डायरेक्टर उत्तम बोस का कहना है नई 'Amby' के डिजाइन, न्यू लुक और इंजन को लेकर काम चल रहा है. ये पहले ही एडवांस स्टेज में है.
देश का सबसे पुराना कार प्लांट कोलकाता से करीब 20 किमी दूर उत्तरपारा कार प्लांट देश का सबसे पुराना कार प्लांट है. जबकि जापान में टोयोटा के प्लांट के बाद एशिया का दूसरा सबसे पुराना प्लांट है. हिंदुस्तान मोटर्स की एंबेसडर 1970 के दशक तक भारत की सड़कों पर राज किया करती थी. बाद में मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों की सस्ती गाड़ियां आने से मार्केट में इसकी डिमांड कम होने लगी. अंत में 2014 में कंपनी ने इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया.
1948 से बन रही यहां कार उत्तरपारा प्लांट में प्रोडक्शन 1948 से ही शुरू हो गया था, लेकिन कंपनी का सबसे पॉपुलर कार मॉडल Ambassador 60 के दशक में भारत की सड़कों पर पहली बार उतरा. इसे कंपनी ने 1957 में लॉन्च किया. अक्टूबर 2014 में कंपनी ने इस प्लांट को जब बंद किया तब इसमें 2300 कर्मचारी काम करते थे. अभी इनकी संख्या महज 300 रह गई है.
कंपनी के पास उत्तरपारा में 275 एकड़ का लैंड एरिया है, जिसमें 90 एकड़ में फैला ये प्लांट भी शामिल है.अनुमान के मुताबिक यूरोपीय कंपनी के साथ हुई ये डील करीब 600 करोड़ की है और इसमें बहुलांश हिस्सेदारी हिंदुस्तान मोटर्स के पास रहने वाली है.
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