सजा पूरी होने से पहले ही कैसे रिहा हो रहे हैं सिद्धू? जानें कैदियों को कैसे मिलती है छूट
AajTak
रोड रेज के मामले में सजा काट रहे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार को पटियाला जेल से रिहा हो सकते हैं. सिद्धू के वकील ने बताया कि उन्हें अच्छा बर्ताव के कारण रिहा किया जा रहा है. जानिए एक कैदी को समय से पहले कैसे रिहा किया जाता है? और जेल में रहते हुए कब और कैसे बाहर आ सकता है?
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार को जेल से रिहा हो जाएंगे. सिद्धू के ट्विटर अकाउंट से इस बात की जानकारी दी है. सिद्धू के वकील एचपीएस वर्मा ने भी न्यूज एजेंसी से उनकी रिहाई की पुष्टि की है.
सिद्धू को पिछले साल तीन दशक पुराने रोड रेज केस में सुप्रीम कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई थी. सिद्धू इस समय पटियाला जेल में बंद हैं.
उनके वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि पंजाब प्रिजन रूल्स के अनुसार अगर किसी कैदी का बर्ताव अच्छा होता है तो उसे समय से पहले रिहा किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि सिद्धू को शनिवार को रिहा किया जा सकता है.
पर समय से पहले कैसे?
दरअसल, सजा खत्म होने से पहले रिहाई मिलना कैदी के बर्ताव पर निर्भर करता है. अगर कैदी का बर्ताव अच्छा रहता है, तो उसे समय से पहले रिहाई मिल जाती है.
अगर किसी कैदी का बर्ताव अच्छा रहता है तो हर महीने 5 से 7 दिन उसकी सजा कम होती जाती है. बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त को भी इसी आधार पर समय से पहले रिहा कर दिया गया था, क्योंकि जेल में अच्छा बर्ताव था. संजय दत्त 1993 के मुंबई ब्लास्ट केस में पुणे के येरवदा जेल में बंद थे.
पिछले कुछ हफ्तों से हो रहे विरोध प्रदर्शन के बावजूद रूपाला ने 16 अप्रैल को इस सीट से अपना नामांकन दाखिल किया. राजपूत समन्वय समिति के प्रवक्ता करणसिंह चावड़ा ने कहा, "चूंकि भाजपा ने उन्हें बदलने से इनकार कर दिया, इसलिए गुजरात की सभी 26 सीटों पर पार्टी की हार सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष राजपूत नेताओं की एक बैठक हुई."
झारसुगुड़ा में शुक्रवार को बच्चों और महिलाओं समेत लगभग 50 यात्रियों से भरी एक नाव महानदी में पलट गई. इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि सात अन्य लोग लापता हैं. वहीं, लापता व्यक्तियों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं. बचाव दल उन्हें सुरक्षित लाने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों को तैनात कर रहे हैं. साथ ही ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मुआवजे का ऐलान किया है.
केजरीवाल के वकील ने कहा कि ईडी के हस्तक्षेप के कारण, केजरीवाल को अपने कानूनी मामलों के लिए लीगल मीटिंग करने की अनुमति नहीं है और हफ्ते में सिर्फ 2 लीगल मीटिंग की अनुमति है. यदि आप भी समय देंगे, तो भी हमारे पास केजरीवाल के जवाब नहीं होंगे, तो हम कोई जवाब कैसे दाखिल कर सकते हैं? हमें अरविंद केजरीवाल से निर्देश नहीं मिल पा रहे हैं.'