
'सच्ची है केरल स्टोरी'...दावा करते हुए मेकर्स ने कराई 26 'पीड़िताओं' की पेशी!
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The Kerala Story PC: बीती शाम द केरल स्टोरी के मेकर्स ने मुंबई में एक भव्य प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था. इस मौके पर वे फिल्म पर उठे तमाम सवालों का जवाब देते नजर आए.
द केरल स्टोरी इन दिनों फिल्म से ज्यादा एक मुद्दे के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है. लगातार विवादों से गुजर रही इस फिल्म को लेकर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. एक ओर जहां मेकर्स खुद इसे पॉलिटिकल एजेंडे में इनकैश किए जाने से परेशान हैं, तो वहीं दूसरी ओर मेकर्स का लगातार अपनी सत्यता का प्रमाण देना भी समझ से परे है.
क्या है मामला.. द केरल स्टोरी की पूरी स्टारकास्ट समेत डायरेक्टर सुदीप्तो सेन और प्रोड्यूसर विपुल शाह ने बुधवार की दोपहर दोबारा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था. दरअसल टीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले शगूफा छोड़ा था कि वो कुछ बड़ा खुलासा करने जा रहे हैं. जाहिर सी बात है, फिल्म से लेकर कोई भी खुलासे की बात मीडिया का अटेंशन अपनी ओर खींचेगी. हुआ भी वही, प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुंबई के एंटरटेनमेंट बीट से लेकर तमाम पॉलिटिकल, सोशल मुद्दों को कवर करने वाले जर्नलिस्ट भी पहुंचे थे.
कैसा था माहौल.. बांद्रा वेस्ट स्थित रंगशारदा भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया था. एक बड़े से ऑडिटोरियम में तमाम फील्ड से आई मीडिया समेत कुछ स्थानीय पुलिस और बॉडीगार्ड्स का भी पहरा लगा हुआ था. अमूमन स्टेज पर फिल्म से जुड़े कास्ट व क्रू को मिलाकर 7 से 8 कुर्सियां लगाई जाती हैं, लेकिन वहां लगभग 32 कुर्सियां देखकर हर कोई हैरान था. इस बात की जानकारी किसी को नहीं थी कि आखिर स्टेज पर इतने नंबर्स में कुर्सियां क्यों लगाई गई थी.
केरल से बुलाई गई थीं पीड़िता बता दें, इवेंट के शुरू होते ही इस बात की जानकारी दी गई कि इसमें प्रोड्यूसर, डायरेक्टर व स्टारकास्ट समेत केरल राज्य से 26 पीड़िताओं को बुलाया गया है. ये वो पीड़ित महिलाएं जो कन्वर्जन का शिकार रही हैं. इन महिलाओं में कॉमन बात यह थी कि ये एक संस्था से ताल्लुक रखती हैं. यह गैर सरकारी संस्था है, जहां धर्म से परिवर्तित हुईं महिलाएं वापस आकर अपने मूल धर्म सनातन धर्म को फॉलो करती हैं. इन पीड़ित महिलाओं संग बात करने का बहुत कम समय दिया गया था, क्योंकि इन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस के खत्म होते ही केरल के लिए फ्लाई बैक करना था.
मीडिया को अड्रेस करते हुए प्रोड्यूसर विपुल शाह इन महिलाओं की ओर इशारा करते हुए बताते हैं कि ये सभी इस्लामिक कन्वर्जन से गुजर चुकी हैं और अब काफी सालों बाद उन्होंने अपनी घर वापसी की है. इन 26 महिलाओं में तीन चार को छोड़ बाकी सभी ने अपना चेहरा स्कार्फ से ढका हुआ था. विपुल ने बताया कि ये महिलाएं अपनी जर्नी और अपने साथ हुए कन्वजर्न की कहानियां शेयर करेंगी. ये ऐसी कहानियां हैं, जो बेशक हमें झकझोर देंगी. फिर विपुल और डायरेक्टर सुदिप्तो सेन ने मिलकर इन महिलाओं को 51लाख रुपये का चेक दिया, जो उनकी संस्था के नाम पर था. चेक देने के साथ-साथ विपुल ने बाकी लोगों से भी आग्रह करते हुए कहा कि कोई भी चाहे, तो संस्था को डोनेट कर सकता है. साथ ही उनसे ये वादा भी किया कि वे लगातार इस संस्थान की मदद के लिए तत्पर तैयार रहेंगे.
कहां रही चूक जब उन पीड़ित महिलाओं में से एक श्रुति ने माइक लिया, तो हमने सोचा कि उसकी कहानी शायद वो शेयर करेंगी, लेकिन श्रुति अपनी आपबीती बताने के बजाए अपनी संस्थान और सनातन धर्म की बात करना शुरू कर देती है. उस दस मिनट के स्पीच में श्रुति केवल इतना बता पाने में समर्थ होती है कि उसका संस्थान किस तरह से काम करता है और सनातन धर्म का प्रचार कैसे होता है. इस बीच उस संस्थान का वीडियो क्लिप भी शेयर किया जाता है, जो एक तरह से प्रॉसपेक्टस की तरह जान पड़ता है.

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