संसद कांड के आरोपियों पर IPC के साथ लगीं UAPA की धाराएं, जानिए क्या है कानूनी प्रावधान
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UAPA कानून देश की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने वाली गतिविधियों को रोकने के लिए 1967 में बनाया गया था. तब से लेकर अब तक इसमें चार बार संशोधन किए जा चुके हैं.
देश की संसद में बुधवार को महज चार लोगों ने हंगामा बरपा दिया. दो ने संसद भवन के बाहर नारेबाजी और हंगामा किया. कलर स्मोक उड़ाया. इसी तरह से दो लोगों ने संसद के अंदर सांसदों के बीच जाकर स्मोक उड़ाया. ये चारों लोग पकड़े गए. चारों की शिनाख्त भी हो गई. आरोपियों की पहचान अनमोल शिंदे, नीलम आजाद, सागर शर्मा और मनोरंजन के तौर पर हुई है. पकड़े जाने के बाद इन चारों से पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां लगातार पूछताछ कर रही हैं. इन चारों और इनके साथ इस साजिश में शामिल अन्य दो लोगों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (Unlawful Activities Prevention Amendment Act) यानी UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इस संबंध में नई दिल्ली के संसद मार्ग पुलिस थाने में जिन धाराओं में मामला दर्ज हुआ है. वो इस प्रकार से हैं-
यूएपीए की धारा 16 - इसमें आतंकवादी कृत्यों के लिए दंड दिया जाता है. यूएपीए की धारा 18 - इसके तहत साजिश आदि के लिए दंड दिया जाता है.
आईपीसी की धारा 120बी - यह आपराधिक साजिश के लिए लगाई जाती है. आईपीसी की धारा 452 - सरकारी भवन, संपत्ति में अवैध प्रवेश के लिए लगाई जाती है आईपीसी की धारा 153 - यह धारा दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाने पर लगाई जाती है. आईपीसी की धारा 186 - लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा पहुंचाने पर लगाई जाती है. आईपीसी की धारा 353 - लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल करना अथवा हमला करने पर लगाई जाती है.
क्या है UAPA कानून? UAPA कानून देश की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने वाली गतिविधियों को रोकने के लिए 1967 में बनाया गया था. तब से लेकर अब तक इसमें चार बार संशोधन किए जा चुके हैं. 2004, 2008, 2012 और 2019 में इस कानून में बदलाव किए गए. इसके तहत ऐसे किसी भी व्यक्ति या संगठन, जो देश के खिलाफ या फिर भारत की अखंडता और संप्रभुता को भंग करने का प्रयास करे उस पर कार्रवाई की जाती है.
इतनी हो सकती है सजा इसके तहत आरोपी को कम से कम 7 साल की सजा हो सकती है. अभी तक इस कानून के तहत कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. यूएपीए का इस्तेमाल आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैय्यबा के मुखिया हाफिज सईद, आतंकी जकी-उर-रहमान लखवी और आतंकी दाउद इब्राहिम के खिलाफ किया जा चुका है.
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